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Delhi Coronavirus News Update: दिल्ली के नामी अस्पताल के निदेशक के ओएसडी संक्रमित

Delhi Coronavirus News Update हेडगेवार अस्पताल में भी गाइनी विभाग में दो सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर कोरोना से पीड़ित पाए गए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 03:13 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 03:13 PM (IST)
Delhi Coronavirus News Update: दिल्ली के नामी अस्पताल के निदेशक के ओएसडी संक्रमित
Delhi Coronavirus News Update: दिल्ली के नामी अस्पताल के निदेशक के ओएसडी संक्रमित

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। Delhi Coronavirus News Update: पूर्वी दिल्ली स्थित जीटीबी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील कुमार के ओएसडी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इससे अस्पताल के प्रबंधन ब्लॉक में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों में हड़कंपो हैस हालांकि किसी को क्वारंटाइन नहीं किया गया है। यहां तक कि अस्पताल के निदेशक भी कार्यालय पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि क्वारंटाइन के लिए यह देखना पड़ता है कि संक्रमित व्यक्ति का संपर्क अधिक नजदीक तो नहीं था। ओएसडी का ऐसा संपर्क दिखा नहीं।

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वहीं हेडगेवार अस्पताल में भी गाइनी विभाग में दो सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर कोरोना से पीड़ित पाए गए हैं। यहां भी किसी काे क्वारंटाइन न किए जाने से साथी डॉक्टरों में नाराजगी है।

एनडीएमसी मुख्यालय में कार्यरत डॉक्टर संक्रमित

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के पालिका केंद्र स्थित मुख्यालय की डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो गई हैं। एनडीएमसी मुख्यालय से कर्मी के कोरोना संक्रमित होने का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व एनडीएमसी में चीफ इंजीनियर भी कोरोना संक्रमित हो गए थे। डॉक्टर को कुछ कोरोना के लक्षण दिखाई दिए तो उन्होंने अपनी जांच कराई, जिसमें उन्हें संक्रमण की पुष्टि शुक्रवार को हुई है। एहतियातन डॉक्टर और उनके परिवार के सदस्यों को होम क्वरांटाइन कर दिया गया है। साथ ही उनके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान की जा रही है।

खांसी और गले में खराश के लिए घरेलू उपचार बेहतर: रामजी वर्मा

कोरोना वायरस के इस दौर में हलकी-फुल्की खांसी और गले में खराश को लेकर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की आयुष इकाई के महाप्रबंधक डॉ. रामजी वर्मा का कहना है कि सूखी खांसी व गले में खराश को दूर करने में आयुष का घरेलू उपचार बहुत ही कारगर है। उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव और ठंडा-गर्म खाने-पीने से भी इस तरह की समस्या हो सकती है । इसके लिए अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसकी दवा तो आपके किचन में ही मौजूद है, बस जरूरत उसे जानने और दूसरों को समझाने की है। आयुर्वेद के इसी ज्ञान से खुद को सुरक्षित रखने के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है। पुदीने के पत्ते और काला जीरा को पानी में उबालकर दिन में एक बार भाप लेने से इस तरह की समस्या से राहत मिल सकती है । इसके अलावा लौंग के पाउडर को मिश्री-शहद के साथ मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन करने से इस तरह की समस्या दूर हो सकती है।


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