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राम मंदिर मुद्दा : रामलीला मैदान में धर्मसभा रविवार को, VHP का दावा- जुटेंगे 5 लाख लोग

विश्व हिंदू परिषद (VHP) की मानें तो दिल्ली के रामलीला मैदान की क्षमता सिर्फ 60-70 हजार लोगों की है, लेकिन यहां पर पांच लाख लोग भी जुट सकते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 01:32 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 01:38 PM (IST)
राम मंदिर मुद्दा : रामलीला मैदान में धर्मसभा रविवार को, VHP का दावा- जुटेंगे 5 लाख लोग

नई दिल्ली/नोएडा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के साथ सांसदों पर भी दबाव बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) 9 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान पर 'विराट धर्म सभा' करने जा रहा है। इसके बाबत जहां  VHP रामलीला मैदान में भारी जुटने का दावा कर रहा है वहीं, दिल्ली पुलिस भी हाई अलर्ट पर है। कहा जा रहा है कि देशभर से तकरीबन पांच लाख लोग राजधानी दिल्ली में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हुंकार भरेंगे।

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बताया जा रहा है कि एनसीआर में शामिल इलाकों रोहतक से लेकर मेरठ तक और फरीदाबाद से लेकर ग्रेटर नोएडा शहर तक से बड़ी संख्या में लोग रामलीला मैदान पहुंचेंगे।

VHP की मानें तो रामलीला मैदान की क्षमता सिर्फ 60-70 हजार लोगों की है, लेकिन यहां पर पांच लाख लोग भी जुट सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, यहां पर आने वाले लोग लाल किला और राजघाट की तरफ से पैदल ही सभा स्थल की ओर कूच करेंगे। इस धर्मसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर विधेयक लाने का दबाव बनेगा।

वहीं, रामलीला मैदान में हिंदूवादी संगठनों की रविवार (9 दिसंबर) को होने वाली रैली को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किया है। इसके लिए लगभग 5000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। 

धर्म सभा में बनेगी राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा
दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ दिसंबर को होने वाली धर्म सभा में राम मंदिर बनाने को लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसको लेकर दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-62 स्थित प्रेरणा मीडिया शोध संस्थान में शुक्रवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) मेरठ प्रांत ने बैठक का आयोजन किया। इस दौरान वीएचपी के मेरठ प्रांत के संगठन मंत्री सुदर्शन चक्र, गाजियाबाद विभाग मंत्री उमानंदन कौशिक और नोएडा महानगर के जिलाध्यक्ष प्रेम पाल सिंह नागर उपस्थित रहे।

सुदर्शन चक्र ने कहा कि लगभग 41 वर्षों बाद भी राम मंदिर का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। 29 अक्टूबर को हिंदू समाज में यह आशा जगी थी कि रोजाना सुनवाई के बाद इस विवाद का जल्द निस्तारण हो जाएगा, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस विवाद को अपनी प्राथमिकता में न रखकर जनवरी में नई खंडपीठ बनाने का समय तय कर दिया। राम मंदिर के फैसले में देरी करके देश के 110 करोड़ हिंदुओं का अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में कई ऐसे फैसलों के लिए रात में कोर्ट लगाकर फैसला किया गया।

वहीं, हिंदुओं की आस्था से जुड़े इस मामले में देरी क्यों की जा रही है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण जल्द कराने की मांग को लेकर नौ दिसंबर को रामलीला मैदान में हिंदू और राम भक्त एकत्र होंगे। इसके बाद वीएचपी 18 दिसंबर से पूरे देश में राम मंदिर की मांग पर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कराएगी। सरकार और सर्वोच्च न्यायालय इसके बाद भी राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई फैसला नहीं करता है तो जनवरी 2019 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले में इसको लेकर फैसला लिया जाएगा।


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