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लाल किले के अंदर चलाई जा रही जेसीबी, जमीन में दबी धरोहर के नष्ट होने की आशंका

संस्था विरासत के संस्थापक अध्यक्ष व अधिवक्ता लखविंदर सिंह का कहना है कि पुरातत्व विभाग जेसीबी की अनुमति नहीं देता है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 27 Mar 2018 11:18 AM (IST)Updated: Tue, 27 Mar 2018 11:21 AM (IST)
लाल किले के अंदर चलाई जा रही जेसीबी, जमीन में दबी धरोहर के नष्ट होने की आशंका
लाल किले के अंदर चलाई जा रही जेसीबी, जमीन में दबी धरोहर के नष्ट होने की आशंका

नई दिल्ली (जेएनएन)। विश्व धरोहर व देश की शान लाल किला में जेसीबी चलाए जाने का मामला सामने आया है। इससे जमीन में दबी धरोहर के नष्ट होने की आशंका है। जेसीबी चलाए जाने को लेकर पुरातत्व प्रेमियों में रोष है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के प्रवक्ता डॉ. डीएन डिमरी का लाल किले के अंदर जेसीबी के उपयोग की उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले की रिपोर्ट मांगेंगे। यदि ऐसा हुआ है तो कार्रवाई की जाएगी।

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बता दें कि लाल किला को एएसआइ की महानिदेशक ऊषा शर्मा (आइएएस) ने गोद लिया है। लगभग तीन साल के बाद लाल किले में मौजूद विभिन्न स्मारकों का संरक्षण कार्य चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि पिछले आठ दिन से खाली पड़े भूखंडों को विकसित किए जाने के लिए जेसीबी से खोदाई हो रही है।

अधिकतर जेसीबी रात के समय चलाई जा रही है। फुटबॉल ग्राउंड सहित अन्य ग्राउंड में जेसीबी से खोदाई की गई है। जबकि इसकी अनुमति नहीं है। पुरातत्व संरक्षण के लिए काम कर रही संस्था विरासत के संस्थापक अध्यक्ष व अधिवक्ता लखविंदर सिंह का कहना है कि पुरातत्व विभाग जेसीबी की अनुमति नहीं देता है। दो दिन पहले ही यह मामला उनके संज्ञान में आया है। वह मंगलवार को इसकी शिकायत एएसआइ की महानिदेशक से करेंगे।


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