प्रतिबंध के बावजूद हवा में जहर घोल रहे एनसीआर के जेनरेटर, जानें- क्या है बड़ी समस्या
दिल्ली-एनसीआर में जेनरेटर धड़ल्ले से चल रहे हैं और दिल्ली की हवा में जहर भी घोल रहे हैं। इसकी वजह यह भी है कि राज्य सरकारें एनसीआर के जिलों में निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में लाचार नजर आ रही हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत दिल्ली में जेनरेटर सेट भले ही प्रतिबंधित हो गए हों, लेकिन एनसीआर में अब भी ये धड़ल्ले से चल रहे हैं और दिल्ली की हवा में जहर भी घोल रहे हैं। इसकी वजह यह भी है कि राज्य सरकारें एनसीआर के जिलों में निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में लाचार नजर आ रही हैं। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन ने राज्यों को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है, लेकिन मामला फंसता ही नजर आ रहा है।
जेनरेटर सेट प्रतिबंधित
दिल्ली में ग्रेप के साथ 17 अक्टूबर से जेनरेटर सेट प्रतिबंधित हो गए हैं। अस्पताल तक में पावर बैकअप के रूप में ही इनका प्रयोग किया जा सकता है। इंडिया गेट पर चल रहे तीन दिवसीय पर्यटन पर्व के लिए भी इसकी अनुमति नहीं दी गई, लेकिन एनसीआर में शामिल उत्तर प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान के जिलों में जेनरेटर सेट अब भी चल रहे हैं।
कई बार बिजली गुल होती है
एनसीआर में अब भी निर्बाध बिजली आपूर्ति का नेटवर्क विकसित नहीं किया जा सका है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ समेत सात जिलों, हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, पानीपत, रेवाड़ी, भिवानी समेत 13 जिलों व राजस्थान के अलवर व भिवाड़ी में कई बार बिजली गुल होती है।
जेनरेटर सेट का प्रयोग मजबूरी
पावर बैकअप के लिए जेनरेटर सेट का प्रयोग मजबूरी है। समस्या यह भी है कि यहां विभिन्न समारोहों में भी अस्थायी बिजली कनेक्शन आसानी से नहीं मिलता है। इन्हीं हालातों में एनसीआर के जिलों में तो ग्रेप का प्लान ए लटकता नजर आ रहा है। शादियों का मौसम भी शुरू होने को है। इससे प्लान को सुनिश्चित कराने में और परेशानी आ सकती है।
ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरेलाल ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर बिजली आपूर्ति की स्थिति पर स्पष्ट जवाब मांगा है। इसके आधार पर ही अगला कदम तय किया जाएगा।
जेनरेटर सेट डीजल से नहीं चलने दिए जाएंगे
सीपीसीबी के सदस्य सचिव ए सुधाकर का कहना है कि दिल्ली के अलावा एनसीआर में कहीं भी निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं है। बार -बार बिजली कटौती होती है, इसीलिए ग्रेप लागू होने के बावजूद वहां जेनरेटर सेट चल रहे हैं। ईपीसीए ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। जबाव आते ही अगला कदम उठाया जाएगा। जेनरेटर सेट डीजल से नहीं चलने दिए जाएंगे।
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