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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने खेल गांव में बने कोविड केयर सेंटर का किया दौरा

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को अक्षरधाम स्थित खेल गांव के स्पोर्ट्स सेंटर में बनाए गए 500 बेड के कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 05:15 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 05:15 PM (IST)
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने खेल गांव में बने कोविड केयर सेंटर का किया दौरा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को अक्षरधाम स्थित खेल गांव के स्पोर्ट्स सेंटर में बनाए गए 500 बेड के कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने कोविड केयर सेंटर के आईसीयू वार्ड का भी दौरा किया। इस मौके पर वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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मनीष सिसोदिया ने ने अधिकारियों से कोविंड सेंटर और आईसीयू वार्ड के बारे में जानकारी हासिल की। इसके अलावा मरीजों को भर्ती करने को लेकर तैयारियों के बारे में जानकारी ली। 

शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर 28 मरीजों का हो रहा इलाज

कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए दिल्ली के नौ रेलवे स्टेशनों पर कुल 503 कोविड केयर कोच खड़े किए गए हैं। इनमें 8,048 मरीजों को रखा जा सकता है, लेकिन अब तक सिर्फ शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर ही मरीजों को रखा गया है। शकूरबस्ती स्थित कोविड केयर सेंटर में अब तक कुल 49 मरीज भर्ती किए गए हैं, जिसमें से 21 मरीजों को छुट्टी दे दी गई या फिर उन्हें जरूरत के अनुसार कोविड अस्पतालों में भेज दिया गया है। अब 28 मरीज यहां भर्ती हैं।

उत्तर व उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि आंनद विहार टर्मिनल, शकूरबस्ती, दिल्ली सराय रोहिल्ला, दिल्ली सफदरजंग, दिल्ली शाहदरा, आदर्श नगर, दिल्ली छावनी, बादली और तुगलकाबाद पर कोविड केयर कोच लगाए गए हैं। इन स्टेशनों पर कोच के रखरखाव की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गैर वातानुकूलित स्लीपर कोच को कोविड केयर कोच में बदला गया है। एक कोच में 16 मरीजों को रखा जा सकता है। मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

महामारी के खिलाफ दिल्ली ने बदली रणनीति

दिल्ली कोरोना महामारी से जूझ रही है। हर रोज तेजी से बढ़ती कोरोना संक्रमितों की तादाद परेशानी का सबब बन गई है। कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में फिर से रणनीति बदली गई है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर), नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और नीति आयोग के साथ मिलकर नया प्लान तैयार किया है। इसे सभी जिलाधिकारियों को भेज दिया गया है।

नए प्लान में कहा गया है कि दिल्ली में डोर टू डोर सर्वे अच्छा विकल्प नहीं है। दिल्ली को आबादी और इलाकों के आधार पर तीन हिस्सों में बांटकर काम किया जा सकता है। इस प्लान में कंटेनमेंट जोन, आइसोलेट केस वाले इलाके यानी ऐसे इलाके जहां केस तो आ रहे हैं मगर समूह में नही आ रहे और तीसरे में ऐसे इलाके, जहां अब तक कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। आइसोलेट केस वाले इलाकों को भी दो श्रेणी में बांटा जाएगा। पहला ऐसे इलाके जहां पिछले 28 दिन से केस आ रहे हैं। दूसरा ऐसे इलाके जहां रुक-रुककर केस आ रहे हैं।


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