Move to Jagran APP

रोस्टर प्रणाली के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, राष्ट्रपति से की मांग

यूजीसी के द्वारा पांच मई 2018 अधिसूचना से लागू हुई रोस्टर प्रणाली के खिलाफ डूटा ने सोमवार को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया।

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 10:30 AM (IST)
रोस्टर प्रणाली के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, राष्ट्रपति से की मांग
रोस्टर प्रणाली के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, राष्ट्रपति से की मांग

नई दिल्ली (जागरण संवाददाता)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) पांच मई 2018 अधिसूचना लागू होने से देश के सभी विश्वविद्यालय में रोस्टर प्रणाली लागू हुई है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने कहा है कि इससे कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक-पदों पर अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के शिक्षकों के लिए लागू आरक्षण व्यवस्था प्रभावी हो रही है। जिसको लेकर डूटा ने राष्ट्रपति से इस रोस्टर प्रणाली वाली यूजीसी की अधिसूचना को तत्काल रद करने की मांग की है।

loksabha election banner

यूजीसी के द्वारा पांच मई 2018 अधिसूचना से लागू हुई रोस्टर प्रणाली के खिलाफ डूटा ने सोमवार को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें डूटा के समर्थन व रोस्टर प्रणाली के विरोध में भाजपा के सांसद उदित राज, सीपीआइ के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस से संसद सदस्य सुष्मिता देव समेत कई वाम संगठन के नेता व अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने शिरकत की। रोस्टर प्रणाली को लेकर डूटा के अध्यक्ष प्रो राजीव रे ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम-कोर्ट ने इस रोस्टर प्रणाली को लागू कराने की अनुशंसा की थी।

जो कॉलेज की जगह विभागों को एक यूनिट बनाने की सिफारिश करता है। रोस्टर प्रणाली लागू होने के बाद विभिन्न-विभिन्न विश्वविद्यालयों ने नियुक्ति के जो विज्ञापन जारी किए हैं। उसमें वंचित तबकों की हिस्सेदारी नाम मात्र की भी नहीं है। इसके लागू होने के बाद डीयू में लगभग 4500 तदर्थ-शिक्षकों की नियुक्ति जो अभी-अभी प्रारम्भ हुई थी, उसे भी रोकना पड़ गया। जबकि तदर्थशिक्षकों की दोबारा नियुक्ति में भी भारी परेशानी होगी।

उन्होंने कहा कि डूटा ने पिछले 9 मार्च 2018 से उत्तर-पुस्तिका मूल्यांकन बहिष्कार को जारी रखा हुआ है। विरोध के बाद भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका तो दायर की है, लेकिन तदर्थ-शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति व बंद पड़े पुराने रोस्टर से नियुक्ति-प्रक्रिया को पुन: आरंभ करने का कोई ठोस आश्वासन नही दिया है। इसलिए डूटा के पदाधिकारियों समेत सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों से राष्ट्रपति से एक सुर में इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इसे रद करने की मांग की है।

उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू करे डूटा: एबीवीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू करने की मांग की है। सोमवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित डूटा द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाहर एबीवीपी ने इस संबंध में प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालयों में लागू हो रही रोस्टर प्रणाली को रद करने की मांग को लेकर डूटा ने 9 मार्च से मूल्यांकन बहिष्कार की घोषणा की थी। जिसके तहत कोई भी शिक्षक डीयू वार्षिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कर रहा है। वहीं, रोस्टर प्रणाली के खिलाफ डूटा ने कांस्टीट्यूशन क्लब में सोमवार को संवाददाता सम्मेलन भी आयोजित किया।

इस सम्मेलन के बाहर पहुंच कर एबीवीपी दिल्ली प्रदेश ने काली पट्टी बांध कर डूटा के पदाधिकारियों को गुलाब का फूल देकर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकंन करने की मांग की। दिल्ली एबीवीपी प्रदेश मंत्री भरत खटाना ने बताया कि डीयू में दाखिला प्रक्रिया शुरू होने वाली है, लेकिन डूटा द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकंन बहिष्कार के कारण छात्रों का अभी तक परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में तकरीबन 54 हजार छात्रों का भविष्य खतरे में है। हम शिक्षकों की जायज मांगों के साथ में हैं, लेकिन उनको भी छात्रों के भविष्य का ख्याल रखना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.