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आरके पचौरी की मुश्किलें बढ़ीं, महिला से यौन उत्पीड़न में कोर्ट ने तय किए आरोप

द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट आरोप तय कर दिए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 11:34 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 11:34 AM (IST)
आरके पचौरी की मुश्किलें बढ़ीं, महिला से यौन उत्पीड़न में कोर्ट ने तय किए आरोप

नई दिल्ली, जेएनएन। द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट आरोप तय कर दिए हैं। पिछले महीने 14 सितंबर को हुई सुनवाई में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चारू गुप्ता ने पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न, बल प्रयोग, पीछा करने और अपशब्दों का इस्तेमाल करने के लिए आइपीसी की धारा के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। 

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पचौरी के खिलाफ सबूत मौजूद

आरके पचौरी के खिलाफ फरवरी 2015 में उनकी पूर्व सचिव ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में 21 मार्च 2015 को कोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। दिल्ली पुलिस ने एक मार्च 2016 को 1400 पन्नों का आरोप पत्र दायर कर कहा था कि उसके पास पचौरी के खिलाफ सबूत मौजूद हैं। इसके बाद 2017 में ई-मेल और वाट्सएप चैट को दोबारा हासिल कर पुलिस ने फिर से आरोप पत्र दायर किया था।

14 सितंबर को साकेत कोर्ट ने पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में कार्रवाई करते हुए आईपीसी की धारा 354 (शील भंग करना), 354(ए) यौन उत्पीड़न, 509 (महिला को अपशब्द बोलना) और 354बी (महिला पर बल प्रयोग), 354(डी) स्टाकिंग, 341 के तहत चार्ज लगाने का आदेश दिया था।

गौरतलब है कि तीन साल पहले, 13 फरवरी 2015 को पचौरी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। फिर 21 मार्च को उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। पीड़ित महिला ने कोर्ट के ऑर्डर के बाद थोड़ी राहत मिलने की बात कही। उन्होंने कहा, 'यह आसान नहीं था। सच्चाई सामने लाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा।'

पीड़िता का कहना है कि वह अदालत की इस कार्रवाई से खुश है। वहीं, पचौरी ने सभी आरोपों को गलत बताया है। पहले भी आरके पचौरी के साथ काम कर चुकीं दो महिलाएं उनपर ऐसे आरोप लगा चुकी हैं। यौन प्रताड़ना मामले में पर्यावरणविद आरके पचौरी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पचौरी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। 

बता दें कि पीड़िता सितंबर 2013 में टेरी से जुड़ी थी। पीड़िता का आरोप है कि टेरी से जुड़ने के कुछ समय बाद पचौरी ई-मेल और वाट्सएप पर उसे भद्दे और अश्लील संदेश भेजने लगे। पीड़िता का कहना है कि वह शुरू में समझ नहीं पाई कि वह इस बारे में किससे शिकायत करे क्योंकि पचौरी टेरी के चेयरमैन थे।

पीड़िता का कहना है कि किसी तरह उसने 2015 में पचौरी के खिलाफ शिकायत करने का साहस जुटाया और उसने इस बारे में पुलिस से शिकायत की। शिकायत दर्ज होने के बाद पचौरी ने अपने पद का दुरुपयोग किया। लड़की का कहना है कि निचली अदालत में केस जब भी सुनवाई के लिए आता था, पचौरी इसके खिलाफ हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट चले जाते थे। 


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