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IRCTC होटल केस: चार्जशीट में तकनीकी खामी से टली सुनवाई, लालू-राबड़ी हैं आरोपी

रेल होटल आवंटन मामले में ईडी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 10:47 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:55 AM (IST)
IRCTC होटल केस: चार्जशीट में तकनीकी खामी से टली सुनवाई, लालू-राबड़ी हैं आरोपी
IRCTC होटल केस: चार्जशीट में तकनीकी खामी से टली सुनवाई, लालू-राबड़ी हैं आरोपी

नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के साथ उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही आइआरसीटीसी घोटाले की सुनवाई मंगलवार को नहीं हो सकी। समाचार एजेंसी के मुताबिक, चार्जशीट में तकनीकी खामी के चलते सुनवाई टालनी पड़ी। इस मामले में अब 17 सितंबर को सुनवाई होगी। 

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यहां पर बता दें कि आइआरसीटीसी टेंडर घोटाले में आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ कोर्ट से 31 अगस्त को बड़ी राहत मिल गई थी। तेजस्‍वी और राबड़ी देवी को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है। 

गौरतलब है कि रेलवे टेंडर घोटाले में लालू प्रसाद यादव भी आरोपी हैं और उन्हें भी कोर्ट में पेश होना था, लेकिन मेडिकल ग्राउंट पर उन्हें पेशी से छूट मिली है। अब लालू को 6 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा।

इससे पहले पिछली सुनवाई में सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने 30 जुलाई को नोटिस भेजकर राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों को पेश होने के कहा था। इस मामले में ईडी ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दिया है।

यह है पूरा मामला

ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है। इस दौरान लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे। आरोपों के मुताबिक, रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल को रख-रखाव और इम्प्रूवमेंट के लिए आइआरसीटीसी को ट्रांसफर किया था। इसके लिए टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया। आरोप लगा है कि इसके लिए नियम-कानून को ताक पर रख दिया गया था।

वहीं, लालू यादव परिवार पर आरोप है कि इस टेंडर के एवज में 25 फरवरी 2005 को कोचर ने पटना की बेली रोड स्थित 3 एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (डीएमसीएल) को 1.47 करोड़ रुपए में बेच दी थी। बाजार में उसकी कीमत 1.93 करोड़ रुपये थी। इसे कृषि भूमि बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेचा गया, स्टाम्प ड्यूटी में गड़बड़ी की गई। बाद में 2010 से 2014 के बीच इस बेनामी संपत्ति को लालू परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को मात्र 65 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया।

यह था एफआइआर में

एफआइआर के मुताबिक, विनय कोचर ने जिस दिन ज़मीन डीएमसीएल को बेची गई उसी दिन रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को उसे बीएनआर होटल्स सौंपे जाने के अपने फैसले के बारे में बताया। सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी।


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