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ISIS के इशारे पर देश में आतंक फैलाने की रची थी साजिश, कोर्ट ने 13 आतंकियों को सुनाई सजा

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट्स इन ईराक एंड सीरिया के 13 शातिर सदस्यों को साजिश रचने आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने का दोषी मानते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने अलग-अलग सजा सुनाई है। इनमें एक को 10 साल तक की सजा दी है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 11:23 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 11:46 AM (IST)
ISIS के इशारे पर देश में आतंक फैलाने की रची थी साजिश, कोर्ट ने 13 आतंकियों को सुनाई सजा
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट्स इन ईराक एंड सीरिया (Islamic State in Iraq and Syria) के 13 शातिर सदस्यों को साजिश रचने, आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने का दोषी मानते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने अलग-अलग सजा सुनाई है। एक दोषी नफीस खान को 10 साल कारावास की सजा दी गई है, जबकि अबु अनस, मुफ्ती अब्दुल सामी और मुदाबीर मुस्ताख शेख को सात साल कारावास की सजा दी गई है। वहीं दोषी अमजद खान को छह साल जेल की सजा दी गई। इसके अलावा अबेदुला खान, नजमुल हुदा, मोहम्मद अफलज, सुहेल अहमद, मोहम्मद अलीम, मोइनुदीन खान, आसिफ अली और सैयद मुजाहिद को पांच साल कारावास की सजा दी गई है।

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उपरोक्त सभी को अदालत ने भारत में आइएसआइएस की पैठ जमाने के लिए भारतीय मुस्लिम युवाओं को संगठित करने का भी दोषी पाया। दोषियों ने जुनुद उल खिलाफा फिल हिंद नाम से एक संगठन बना रखा था, जोकि आइएसआइएस के लिए काम करता था। एनआइए ने 2015 में केस दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार किया था।  

तंकी संगठन इस्लामिक स्टेट्स इन ईराक एंड सीरिया दरअसल, इराक और सीरिया में सक्रिय जिहादी सुन्नी सैन्य समूह है। अरबी भाषा में इस संगठन का नाम है 'अल दौलतुल इस्लामिया फिल इराक वल शाम'।  ISIS नाम से इस संगठन का गठन अप्रैल 2013 में हुआ। इब्राहिम अव्वद अल-बद्री उर्फ अबु बक्र अल-बगदादी इसका मुखिया है। शुरू में अल कायदा ने इसका हर तरह से समर्थन किया, लेकिन अल कायदा इस संगठन से अलग हो गया। फिलहाल अल कायदा से भी अधिक मजबूत और क्रूर संगठन बन चुका है। 

गौरतलब है कि ISIS दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन है जिसका बजट 2 अरब डॉलर का है। विश्व के अधिकांश मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों को सीधे अपने राजनीतिक नियंत्रण में लेना इसका घोषित लक्ष्य है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इसने सबसे पहले लेवेन्त क्षेत्र को अपने अधिकार में लेने का अभियान चलाया है जिसके अन्तर्गत जॉर्डन, इजरायल, फिलिस्तीन, लेबनान, कुवैत, साइप्रस तथा दक्षिणीतुर्की का कुछ भाग आता हैं।[6] आईएसआईएस के सदस्यो की संख्या करीब 10,000 हैं।

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