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इस बार सर्दियों में दिल्ली नहीं बनेगी गैस चैंबर, EPCA उठाने जा रहा कड़े कदम

ईपीसीए ने इसके लिए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनसे बैठक रखने के लिए तारीख तय करने के लिए कहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 12:27 PM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 12:27 PM (IST)
इस बार सर्दियों में दिल्ली नहीं बनेगी गैस चैंबर, EPCA उठाने जा रहा कड़े कदम
इस बार सर्दियों में दिल्ली नहीं बनेगी गैस चैंबर, EPCA उठाने जा रहा कड़े कदम

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण- संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) जल्द ही दिल्ली-एनसीआर के तमाम आला अधिकारियों की क्लास लेगा। इसमें ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) को लागू करने की दिशा में जमीनी हकीकत का जायजा लिया जाएगा। ईपीसीए ने इसके लिए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनसे बैठक रखने के लिए तारीख तय करने के लिए कहा है।

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इस बार सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर न बने और हेल्थ इमरजेंसी लागू न हो, इसके लिए 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू कर दिया जाएगा। चूंकि पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) की ओर से गत वर्ष ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय सहित विभिन्न एजेंसियों और प्रदूषण बोर्डो को सख्त हिदायत दे दी गई थी कि 2018 में आबोहवा काबू में ही रहनी चाहिए, लिहाजा समय रहते इस दिशा में यथा संभव प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

पिछले साल भी ग्रेप लागू तो किया गया था, लेकिन आबोहवा फिर भी बेकाबू ही रही। कारण, निगरानी और कार्रवाई के लिए कोई पुख्ता तंत्र नहीं था। इसलिए इस बार ईपीसीए स्वयं हर स्तर पर व्यवस्था जांच लेना चाह रहा है।

मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में उनसे अपने राज्यों में ग्रेप पर कार्यशाला रखने को कहा गया है, जिसमें मुख्य सचिव सहित सभी संबंधित विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे। कार्यशाला को संबोधित ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल और सदस्य सुनीता नारायण करेंगी। दोनों इन अधिकारियों की पर्यावरण एवं ग्रेप पर जागरूकता भी जांचेंगे। साथ ही यह भी देखेंगे कि वे वाकई सर्दियों के लिए कितने तैयार हैं? उन्हें व्यवस्था संभालने के गुर भी सिखाए जाएंगे और प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी दी जाएगी। हर राज्य में यह क्लास अगले माह तक ले ली जाएगी।

भूरेलाल (चैयरमेन, ईपीसीए) का कहना है कि दिल्ली, हरियाणा, उप्र और राजस्थान के मुख्य सचिव को खत लिखा  है। इसमें हमने चारों राज्यों के मुख्य सचिवों से उनकी सुविधा अनुसार कार्यशाला रखने के लिए कहा है। इसका मकसद यही है कि पिछले दो वर्षो की तरह इस बार स्थिति बेकाबू न हो।  


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