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Delhi violence: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को नोटिस

Delhi violence case संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका में वीडियो फुटेज को सुरक्षित रखने की मांग की गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 11:57 AM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 12:06 PM (IST)
Delhi violence: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को नोटिस
Delhi violence: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को नोटिस

नई दिल्ली, जागरण संवादादाता। Delhi violence case: उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा के मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की इस याचिका में वीडियो फुटेज को सुरक्षित रखने की मांग की गई है। इसी के साथ याचिका में दिल्ली पुलिस के कर्मियों की कथित निष्क्रियता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी मांग की गई है।

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शिविर छोड़ गढ़ी मांडू गांव में घरों को लौटे दंगा पीड़ित

उत्तरी-पूर्वी जिले में भड़की दंगों की आग ने गढ़ी मांडू गांव के 40 परिवारों को गांव छोड़ने को मजबूर कर दिया। दंगाइयों ने उनके घर-दुकानों में लूटपाट करने के बाद आग लगा दी थी। पीड़ित गांव से भागकर अलग-अलग इलाकों में जाकर छिपे। इसके बाद जब सरकार ने राजीव नगर के समुदाय भवन में राहत शिविर बनाया तो पीड़ितों ने उसमें शरण ली। 18 दिन शिविर में रहने के बाद पीड़ित वापस गांव में अपने घरों को लौटे। उनके लौटने पर शिविर खाली हो गया।

हालांकि पीड़ितों के दिलों में दंगों का डर अभी भी है। उनकी सुरक्षा में गांव में पुलिस लगी रहेगी। पीड़ित अपने घरों को वापस लौट तो आएं हैं, अब उनके सामने चुनौती अपना रोजगार दोबारा स्थापित करने की है। रविवार को पुलिस के अधिकारियों ने गांव में एक बैठक की और सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके साथ ही सामाजिक संगठन के सदस्यों व आम आदमी पार्टी की नेता व पूर्व पार्षद आसमा रहमान व रेखा रानी ने गांव में पहुंचकर पीड़ितों को जरूरत का सामान वितरित किया। वहीं सामाजिक संगठनों ने पीड़ितों से वादा किया कि वह उनका रोजगार दोबारा से शुरू करवाने में उनकी मदद करेंगे।

प्रधान ने ली पीड़ितों की सुरक्षा की जिम्मेदारी

गांव के प्रधान भिखारी सिंह ने दंगा पीड़ितों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है। प्रधान दंगा पीड़ितों से मिले और उन्हें आश्वस्त किया कि सारे गांव वाले मिलकर उनकी सुरक्षा करेंगे। प्रधान का कहना है कि दंगों में जो कुछ हुआ है, उसे कभी नहीं भूला जा सकता है। दिलों में जो कड़वाहट है उसे दूर करें, किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें।

एसडीएम सीलमपुर बने शांति के सूत्रधार

गांव में शांति स्थापित करने में सीलमपुर के एसडीएम अजय अरोड़ा सूत्रधार बने हैं। 25 फरवरी से लेकर 14 मार्च तक शायद ही कोई दिन गया होगा जब एडीएम गांव में न पहुंचे हो। उन्होंने गांव के लोगों बताया कि तरह से आपसी सौहार्द के साथ रहा जाता है। साथ ही राहत शिविर में पीड़ितों की काउंसलिंग करके उनके दिलों से डर भी निकाला। ग्रामीणों व पीड़ितों को आमने सामने बैठाकर बात भी करवाई।


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