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Delhi Violence: फैसल फारूक ने दंगों के एक दिन पूर्व किया था देवबंद का दौरा, चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासा

Delhi Violence IB के सिपाही अंकित शर्मा की बेरहमी से की गई हत्या के मामले में भी आम आदमी पार्टी के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन को आरोपित बनाया गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 08:50 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 05:12 PM (IST)
Delhi Violence: फैसल फारूक ने दंगों के एक दिन पूर्व किया था देवबंद का दौरा, चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासा

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Delhi Violence: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामलों में एक और आरोप पत्र कोर्ट में दायर किया है। इस आरोप पत्र में दो मामले में शामिल हैं। पहला मामला आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या और दूसरा मामला राजधानी स्कूल से जुड़ा है। पुलिस के दूसरे आरोप पत्र में न सिर्फ ताहिर हुसैन और राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूक को आरोपित बनाया गया है, बल्कि दंगा और आगजनी की साजिश रचने में दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश के देवबंद तक के लोगों का हाथ होने की बात कही है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि दंगे फैलाने के लिए कुछ लोगों को देवबंद से भी लाया गया था। क्राइम ब्रांच ने आरोप पत्र में जिन चीजों को खुलासा किया है, उससे साफ है कि दंगे अचानक नहीं भड़के थे, बल्कि नियोजित तरीके से दंगे और आगजनी को अंजाम दिया गया। यह बात गवाहों के बयान से स्पष्ट है।

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फारूक ने एक दिन पहले किया था देवबंद का दौरा

गवाहों में डीआरपी स्कूल के गार्ड सहित राजधानी स्कूल का गार्ड भी शामिल है। फैसल फारूक की काॅल डिटेल की जांच करने पर उसका लिंक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, पिंजरा तोड़ समूह, जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी, हजरत निजामुद्दीन मरकज और देवबंद सहित कुछ अन्य मुस्लिम मौलवी और प्रमुख सदस्यों के साथ लगातार बातचीत साजिश की गहराई को भी दर्शाता है। जांच में यह भी सामने आया कि फैसल फारूक ने दंगों से एक दिन पहले 23 फरवरी को देवबंद का दौरा किया था। दंगों की साजिश में यह भी महत्वपूर्ण साक्ष्य है कि 24 फरवरी को दंगे शुरू होने से कुछ देर पहले ही काफी संख्या में मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को स्कूल से जल्दी ले गए थे, जबकि अधिकांश मुस्लिम अभिभावक अपने बच्चों को दोपहर के समय स्कूल से लेकर घर चले गए थे। राजधानी स्कूल की छत पर मिले कारतूस के 6 खाेखे, कांच की बोतलें, जिन्हें बम बनाने में प्रयोग किया गया, रस्सी और लोहे की गुलेल मिलना इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि दूसरे पक्ष पर सुनियोजित तरीके से हमला करके दंगा फैलाया गया और आगजनी की गई।

पहला मामला: आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या

दयालपुर थाने में अंकित शर्मा की हत्या का दर्ज किया गया था। 25 फरवरी की शाम को अंकित शर्मा की हत्या खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैन के घर के बाहर की गई थी। हत्या के बाद अंकित शर्मा के शव को भीड़ ने पास के नाले में फेंक दिया था। अगले दिन सुबह शव को नाले से निकाला गया था। पास की छत पर खड़े एक व्यक्ति ने इसकी वीडियो बनाई थी, जिसमें अंकित के शव को भीड़ नाले में फेंकती दिखाई दे रही है। पोस्टमॉर्टम करने वाले चिकित्सकों को अंकित के शरीर पर 51 तेज और गहरी चोटों के निशान मिले थे। इस मामले में ताहिर हुसैन सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था। क्राइम ब्रांच को मामले की जांच में पता चला है कि दंगों की गहरी साजिश रची गई थी और अंकित शर्मा इलाके में जाना-पहचाना चेहरा था। ताहिर हुसैन के नेतृत्व में भीड़ ने अंकित शर्मा को निशाना बनाया था। जांच में यह भी पाया गया है कि ताहिर हुसैन वह मुख्य व्यक्ति है, जिसने 24 और 25 फरवरी को चांद बाग में लोगों को उकसाया था। 24 फरवरी को हुए दंगा मामले में उसके खिलाफ मंगलवार को भी क्राइम ब्रांच ने आरोप पत्र दायर किया है। जांच के दौरान अंकित शर्मा पर चाकू से वार करने के लिए प्रयोग किया गया खून से सना चाकू और हत्या करने वाले व्यक्ति के कपड़े बरामद हुए थे। कपड़ों पर अंकित शर्मा का खून भी मिला था। हत्या में प्रयोग किया गया एक और चाकू भी बरामद किया गया था। ताहिर हुसैन की लाइसेंसी पिस्तौल को एक अलग मामले में जब्त किया जा चुका है।

दूसरा मामला : राजधानी स्कूल फैसल फारूक मामला

दयालपुर थाने में यह मामला दंगों के लिए दर्ज किया गया था। 24 फरवरी को न्यू मुस्तफाबाद, शिव विहार स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल के बाहर हुए दंगे का मामला डीआरपी कन्वेंट पब्लिक स्कूल के मालिक और प्रबंधक की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। डीआरपी स्कूल शिव विहार में है और राजधानी स्कूल से सटा हुआ है। दंगाइयों ने स्कूल के अंदर और बाहर कब्जा जमा लिया था। राजधानी स्कूल की छत से गोलियां चलाईं और पेट्रोल बम भी फेंके थे। इसके अलावा एसिड, ईंट, पत्थरों और अन्य चीजों को भी राजधानी स्कूल की छत पर दंगों के दौरान प्रयोग करने के लिए विशेष रूप से लगाई गई गुलेल की मदद से फेंका था। दंगाइयों ने राजधानी स्कूल की छत से हाेते हुए डीआरपी कन्वेंट स्कूल के परिसर में आने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल किया था। दंगाइयों ने स्कूल में आग लगा दी थी और लूटपाट की थी। स्कूल से कम्प्यूटर और अन्य सामान को लूटा गया था। दंगाइयों ने राजधानी स्कूल के सामने अनिल स्वीट्स वाली इमारत को भी जला दिया था। अनिल स्वीट्स का कर्मचारी दिलबर नेगी अंदर ही फंसा रह गया। उसकी जलने से मौत हो गई थी। बाद में पुलिस को उसका शव अंदर से बरामद हुआ था। इस मामले में राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूक सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसकी जांच के दौरान यह पाया गया कि फैसल फारूक ने राजधानी स्कूल के आसपास के इलाकों में दंगों और आगजनी की साजिश रची थी। उसके निर्देश पर ही भीड़ ने डीआरपी कन्वेंट स्कूल, दो पार्किंग स्थल और अनिल स्वीट्स की इमारत को नियोजित तरीके से आग लगाई थी।


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