Delhi Violence : यूपी की तर्ज पर दिल्ली में भी दंगाइयों से की जाएगी नुकसान की भरपाई
Delhi Violence लोकसभा में अमित शाह ने बताया कि दंगे की जांच को नजीर बनाएंगे और वैज्ञानिक तरीके से आरोपितों की पहचान कर बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Violence: उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली के दंगे में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी। इसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में रिकवरी कमीशन गठित होगा। लोकसभा में बृहस्पतिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि दंगे की जांच को नजीर बनाएंगे और वैज्ञानिक तरीके से आरोपितों की पहचान कर बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। दंगे के पीछे बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हुए उन्होंने 36 घंटे के भीतर उसे रोकने के लिए दिल्ली पुलिस की तारीफ भी की। शाह ने बताया कि उन्होंने ही पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए एनएसए अजीत डोभाल को दंगाग्रस्त क्षेत्रों में भेजा था।
विपक्ष के हर आरोपों का बिंदुवार जवाब देते हुए शाह ने दंगे के पीछे बड़ी साजिश से जल्द पर्दा उठाने का भरोसा भी दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान हिंसा फैलाने के लिए भड़काऊ बयान दिए गए। इसके लिए 22 फरवरी को सोशल मीडिया पर 60 से अधिक एकाउंट खोले गए और 26 फरवरी को बंद कर दिए गए। फेशियल रिकगनिशन तकनीक की मदद से 300 दंगाइयों की पहचान हुई है, जो उप्र से आए थे। इस तकनीक से 1100 लोगों को पहचान हो भी चुकी है। 2647 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस की 40 टीमें कार्रवाई में जुटी हैं। आइबी अफसर अंकित शर्मा के हत्यारों के नाम की भी जल्द घोषणा की जाएगी। सरकार अखबारों में विज्ञापन देकर, दंगाइयों के फोटो प्रकाशित कर और उनके वीडियो साझा कर लोगों से इनकी पहचान करने में मदद मांगेगी। उत्तर पूर्व दिल्ली के निवासियों के वोटर कार्ड और डीएल का ब्योरा एक सॉफ्टवेयर में डालकर दंगाइयों की तलाश की जाएगी। दंगे के लिए फंडिंग के सुबूत भी मिल रहे हैं और इसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ कर असली लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। दंगे में मारे गए लोगों को धर्म के आधार पर देखने के लिए विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए शाह ने कहा कि इसमें 52 भारतीयों की मौत हुई है। ‘हेट स्पीच’ के लिए भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। लेकिन सीएए को लेकर युवाओं व एक समुदाय को गुमराह करने वाले इससे मुक्त नहीं हो सकते हैं।
उन्होंने सोनिया व राहुल गांधी के ‘आर-पार की लड़ाई’ और ‘घर से बाहर निकलो’ के साथ-साथ एएमआइएएम नेता वारिस पठान के 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ के बयान का हवाला दिया। दंगे रोकने में विफलता के आरोपों पर कहा कि ¨हसा की पहली वारदात 24 फरवरी को दो बजे दर्ज की गई और 25 फरवरी के बाद कोई वारदात नहीं हुई। उन्होंने दंगे को 12 थाना क्षेत्रों तक रोकने और 36 घंटे में लगाम लगाने के लिए पुलिस की तारीफ भी की।