दिल्ली में नौकरशाहों और केजरीवाल सरकार के बीच जंग, सतर्कता विभाग के सचिव ने सौरभ भारद्वाज पर लगाया ये आरोप
दिल्ली के नौकरशाहों और केजरीवाल सरकार के बीच शुरू हुए विवाद के बीच सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वीवी राज शेखर ने उनकी अनुपस्थिति में कार्यालय से महत्वपूर्ण फाइलें उठा लेने का आरोप लगाया है। राज शेखर ने इस मामले में विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली के नौकरशाहों और केजरीवाल सरकार के बीच शुरू हुए विवाद के बीच सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वीवी राज शेखर ने उनकी अनुपस्थिति में कार्यालय से महत्वपूर्ण फाइलें उठा लेने का आरोप लगाया है। राज शेखर ने इस मामले में विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अतिसंवेदनशील फाइलें उठा ली गई है, इनमें मुख्यमंत्री आवास के निर्माण से जुड़ी फाइलें भी शामिल हैं।
तड़के तीन बजे खुला हुआ था कमरा
सीएम केजरीवाल आवास के नवीनीकरण व सुंदरीकरण मामले में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहे विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वी वी जे राजशेखर ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उनके कमरे से सीएम आवास के नवीनीकरण व सुंदरीकरण मामले सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब कर दिए गए हैं।राजशेखर ने दावा किया है कि मंगलवार तड़के तीन बजे उनका कमरा खुला हुआ था और मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण सहित सभी संवेदनशील दस्तावेज गायब थे।
कमरे में जासूसी उपकरण लगाने का आरोप
उन्होंने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि ऐसा हो सकता है कि गोपनीयता का उल्लंघन हुआ हो और सबूतों से छेड़छाड़ की गई हो। उन्होंने साथ में यह भी आशंका जताई है कि उनके कमरे में जासूसी उपकरण लगाए हों।राजशेखर के मुताबिक उनके कमरे से जो फाइलें गायब हुई हैं, उनमें आबकारी घोटाले से जुड़ी हुई फाइलें, मुख्यमंत्री आवास की टेंडर फाइल, आवास के नवीनीकरण से जुड़ी फाइलें भी शामिल हैं। इसके अलावा राजशेखर ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास का निरीक्षण कर चुके लोगों की तस्वीरें भी गायब हैं।
गायब दस्तावेजों का भेजा विवरण
राजशेखर ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कमरे से गायब सभी दस्तावेजों का निम्नवार विवरण भेजा है। राजशेखर ने एलजी, केंद्रीय गृह मंत्रालय और एसीबी को भी पत्र भेजा है। उधर राजशेखर के आरोप पर इस मामले में दिल्ली सरकार ने कहा कि राजशेखर एक भ्रष्ट अधिकारी है। एलजी ने सबसे पहले उन्हें विजिलेंस में कैसे तैनात किया, इसकी जांच होनी चाहिए। इसके खिलाफ कई लोगों और कई अधिकारियों से कई शिकायतें मिली हैं कि वह पैसे की मांग करता है।13 मई को एक आदेश के जरिए आधिकारिक तौर पर उनसे काम वापस ले लिया गया था।
अगर शनिवार को आधिकारिक तौर पर उनसे काम वापस ले लिया गया है, तो उनके पास अभी भी सभी फाइलें कैसे हैं? जब उसका काम अन्य अधिकारियों को सौंपा जाता है तो कार्यालय प्रक्रिया के तहत उसे आधिकारिक रूप से सभी फाइलों को नए अधिकारियों को सौंप देना चाहिए। उस काम से निकाले जाने के बावजूद कुछ फाइलों को रखने में उसकी क्या दिलचस्पी है? उनके इस आरोप के बारे में कि किसी ने रात में उनके कार्यालय में सेंध लगाने की कोशिश की, सरकार इसकी पूरी जांच करवाएगी कि यह सच है या नहीं। अगर सच है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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