स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए DU शुरू करेगा कंपनी, हर वर्ष डेवलपमेंट फंड से दिए जाएंगे एक करोड़ रुपये
Delhi University News कार्यकारी परिषद ने कंपनी को प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपये अनुदान देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सदस्य की मानें तो गत वर्ष इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस की गवर्निग बाडी की बैठक में कंपनी शुरू करने पर सहमति बनी थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके लिए उद्यमोदय कंपनी शुरू की जाएगी। कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने बताया कि इसे उद्यमोदय फाउंडेशन नाम दिया गया है।
अनुदान हर साल पांच प्रतिशत की होगी बढ़ोतरी
डीयू डेवलपमेंट फंड से एक करोड़ रुपये अनुदान दिए जाएंगे। इसमें प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। कंपनी को दिया जाने वाला 60 प्रतिशत फंड इन्क्यूबेशन सेंटर, जबकि 40 प्रतिशत प्रशासनिक कार्यों और वेतन आदि पर व्यय होगा।
विश्वविद्यालय को यूजीसी से नहीं मिल रहा पर्याप्त फंड
कार्यकारी परिषद की सदस्य डा. सीमा दास समेत कुछ सदस्यों ने डेवलपमेंट फंड से कंपनी शुरू करने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई। कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य राजेश झा ने इसे गलत निर्णय बताया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को यूजीसी से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा है। इसलिए डेवलपमेंट फंड के शुल्क में बढ़ोतरी की गई। गत वर्ष तक छात्रों से डेवलपमेंट फंड के नाम पर 600 रुपये लिए जाते थे। इस बार इसे बढ़ाकर 900 कर दिया। यानी छात्रों पर बोझ बढ़ गया।
पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव वापस लिया गया
कार्यकारी परिषद के सदस्यों के विरोध के चलते डीयू ने पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव वापस ले लिया है। प्रपोजल में कहा गया था कि सीटें खाली रहने की दशा में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और सीनियर प्रोफेसर की संविदा पर पुनर्नियुक्ति हो सकेगी।
इसी प्रस्ताव के तहत रसायन विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर रमेश चंद्र की पुनर्नियुक्ति की जा रही थी, जिसका रसायन विज्ञान विभाग के शिक्षकों ने विरोध किया। शिक्षकों का तर्क था कि प्रोफेसर रमेशचंद्र पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हुए थे। प्रो. चंद्र 30 जून 2022 को रिटायर हो गए हैं। ये प्रस्ताव वापस हो गया है।