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Delhi Train Coach: एसी कोच में अनधिकृत लोगों के प्रवेश पर रेलवे पर 50 हजार का जुर्माना, यात्री ने की थी शिकायत

ट्रेन के आरक्षित कोचों में अनधिकृत लोगों का घुसना यात्रियों के लिए बड़ी समस्या है। इससे परेशान एक यात्री की शिकायत पर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेलवे पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया है जो मुआवजे के रूप में यात्री को दिया जाएगा।

By Ashish GuptaEdited By: Abhi MalviyaPublished: Fri, 03 Feb 2023 10:02 PM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 10:02 PM (IST)
Delhi Train Coach: एसी कोच में अनधिकृत लोगों के प्रवेश पर रेलवे पर 50 हजार का जुर्माना, यात्री ने की थी शिकायत
ट्रेन के आरक्षित कोचों में अनधिकृत लोगों का घुसना यात्रियों के लिए बड़ी समस्या है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ट्रेन के आरक्षित कोचों में अनधिकृत लोगों का घुसना यात्रियों के लिए बड़ी समस्या है। इससे परेशान एक यात्री की शिकायत पर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेलवे पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया है, जो मुआवजे के रूप में यात्री को दिया जाएगा। आयोग ने टिप्पणी की कि आरक्षित कंपार्टमेंट में अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने में विफलता रेलवे की लापरवाही और सेवा में कमी का नतीजा है।

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जानें पूरा मामला

आनंद विहार में रहने वाले राज बहादुर तिवारी पत्नी के साथ शादी समारोह में शामिल होने के बाद 12 दिसंबर, 2013 को दुरंतो एक्सप्रेस से दिल्ली लौट रहे थे। वे द्वितीय श्रेणी एसी कोच में सवार थे। यात्रा के दौरान उनके कोच में अनधिकृत लोग घुस गए थे। इनमें से कोई उनका सूटकेस चोरी कर ले गया था, जिसमें 6.50 लाख रुपये के सोने के गहने व कपड़े थे। आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर उन्हें सूटकेस चोरी होने का पता चला। जीआरपी मुरादाबाद ने सूटकेस बरामद किया था, लेकिन उसमें गहने नहीं थे।

राज बहादुर तिवारी ने मई, 2019 में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत की। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनकी पत्नी ने कोच में अनधिकृत लोगों के प्रवेश पर आपत्ति जताई थी और इसकी शिकायत टीटीई और सुरक्षा कर्मियों से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हुआ जिक्र

उत्तर रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का जिक्र करते हुए शिकायत पर आपत्ति जताई। दलील दी कि मामला आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह दावा भी किया कि रेलवे अधिनियम की धारा 100 के तहत वह बिना बुक कराए सामान के लिए जिम्मेदार नहीं है। चोरी शिकायतकर्ता की लापरवाही से हुई है। चोरी हुए सामान को लेकर कोई साक्ष्य नहीं है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों का जिक्र करते हुए कहा कि रेलवे अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।

आयोग अध्यक्ष मोनिका ए श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाले कोरम ने आदेश में कहा कि अपने यात्री को सुरक्षित यात्रा उपलब्ध न कराकर रेलवे ने सेवाओं में लापरवाही की है।


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