तीन साल बाद मौका, 26 जनवरी को दिखेगी दिल्ली की भी झांकी
केंद्र सरकार ने दिल्ली की झांकियों को परेड के लिए मंजूरी दी है। झांकी में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर तैयार किए जा रहे मॉडल स्कूलों के स्वरूप का प्रतिबिंब होगा।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। इस बार गणतंत्र दिवस के दौरान राजपथ पर होने वाली परेड में दिल्ली के मॉडल स्कूलों को भी दुनिया देखेगी। तीन साल के लंबे समय के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली की झांकियों को परेड के लिए मंजूरी दी है। झांकी में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर तैयार किए जा रहे मॉडल स्कूलों के स्वरूप का प्रतिबिंब होगा।
यद्यपि आप सरकार ने इस झांकी के लिए प्रस्ताव तो कई दिए थे, लेकिन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को यही प्रस्ताव मन भाया है। गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली की झांकी वर्ष 2013 में अंतिम बार शामिल हुई थी। उस समय इस झांकी में राजधानी की सांस्कृतिक विविधता को परिलक्षित किया गया था।
वर्ष 2014, 2015 और 2016 में लगातार तीन साल तक दिल्ली की झांकी के प्रस्ताव अस्वीकृत होते रहे। इस बार आप सरकार ने झांकी का प्रस्ताव तैयार करने का दायित्व साहित्य कला परिषद को सौंपा था। परिषद द्वारा तैयार झांकी के कई प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति को भेजे गए।
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एक प्रस्ताव था मोहल्ला क्लीनिक और वहां मिल रही सुविधाएं, दूसरा था यमुना नदी की साफ सफाई और आरती,जबकि एक अन्य प्रस्ताव में दर्शाया गया कि किस तरह से दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में तैयार कर राजधानी की स्कूली शिक्षा में खासा सुधार एवं बदलाव कर रही है। रक्षा मंत्रलय को मॉडल स्कूल का थीम ही बेहतर लगी।
विशेषज्ञ समिति ने कुछ सुझावों के साथ मंजूरी भी इसी थीम को दी। इस झांकी में मॉडल स्कूल का स्वरूप, वहां की कक्षाएं, बच्चों को दी जा रही सुविधाएं और अन्य बदलाव दर्शाए जाएंगे। 24 दिसंबर को विशेषज्ञ समिति को झांकी का फाइनल प्रेजेंटेशन दिखाया जाएगा।