छह साल पहले कारोबारी से निवेश के नाम पर 10 करोड़ की ठगी के आरोपित को एएटीएस ने दबोचा
शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मनोज जैन चावड़ी बाजार में पेपर और गांधी नगर में गारमेंट का व्यवसाय करता था। वर्ष 2015 में उसने कारोबारी संजय कौल को मोटे मुनाफे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया और निवेश के नाम पर 10 करोड़ रुपये ऐंठ लिए थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। छह साल पहले निवेश के नाम पर कारोबारी से 10 करोड़ रुपये ठगने के मामले में फरार चल रहे आरोपित को शाहदरा जिले के एएटीएस (एंटी आटो थेफ्ट स्क्वायड) ने गिरफ्तार किया है। आरोपित मनोज जैन गाजियाबाद के इंदिरापुरम में शक्तिखंड-चार का रहने वाला है। उस पर दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कुछ वक्त पहले ही 25 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था।
पता चला कि पीड़ित और पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपित ने अपने अपहरण का झूठा मुकदमा कृष्णा नगर थाने में दर्ज कराया था। शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मनोज जैन चावड़ी बाजार में पेपर और गांधी नगर में गारमेंट का व्यवसाय करता था। वर्ष 2015 में उसने कारोबारी संजय कौल को मोटे मुनाफे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया और निवेश के नाम पर 10 करोड़ रुपये ऐंठ लिए थे। रकम लेने के बाद वह गायब हो गया।
इसी दौरान मनोज के भाई मनीष ने उसके अपहरण का मुकदमा कृष्णा नगर थाने में दर्ज करा दिया था। पीड़ित संजय कौल की शिकायत पर मार्च 2017 में मनोज जैन, उसके भाई मनीष समेत पांच स्वजन के खिलाफ गांधी नगर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था। कुछ ही वक्त बाद इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई थी। तब से आरोपित मनोज जैन फरार चल रहा था। 12 अक्टूबर को ही दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आरोपित पर 25 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था। शुक्रवार को शाहदरा एएटीएस के एसआइ प्रवेश नैन को पता चला कि आरोपित मनोज जैन आनंद विहार इलाके में आने वाला है।
उनके साथ हेड कांस्टेबल अबदेश, सुनील और कांस्टेबल कपिल शामिल कर टीम गठित की गई। टीम ने रोड नंबर 56 पर नजर रखी शुरू कर दी। जैसे ही आरोपित वहां दिखा, टीम ने उसे दबोच लिया। उसके पास से एक कार व मोबाइल बरामद हुआ। पूछताछ के दौरान आरोपित ने बताया कि काफी वक्त तक वह पंजाब और हिमाचल प्रदेश में छिपता रहा।
वर्ष 2018 में उसने इंदिरापुरम में अपने बेटे के नाम से मकान खरीद लिया था। उसमें स्वजन के साथ रहने लगा। वहीं उसने नया कारोबार भी शुरू कर लिया था। यह भी बताया कि उसके अपहरण का झूठा मुकदमा पीड़ित और पुलिस को गुमराह करने के लिए दर्ज कराया गया था। अभी पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।