आरके पचौरी की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने यौन शोषण मामले में आरोप तय करने का दिया आदेश
एक महिला ने आरके पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसी मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आरके पचौरी पर आरोप तय करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पुलिस को आरोप तय करने का आदेश दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चारू गुप्ता ने पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न, बल प्रयोग, पीछा करने और अपशब्दों का इस्तेमाल करने के लिए आइपीसी की धारा के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
पचौरी के खिलाफ सबूत मौजूद
पचौरी के खिलाफ फरवरी 2015 में उनकी पूर्व सचिव ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में 21 मार्च 2015 को कोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। दिल्ली पुलिस ने एक मार्च 2016 को 1400 पन्नों का आरोप पत्र दायर कर कहा था कि उसके पास पचौरी के खिलाफ सबूत मौजूद हैं। इसके बाद 2017 में ई-मेल और वाट्सएप चैट को दोबारा हासिल कर पुलिस ने फिर से आरोप पत्र दायर किया था।
साकेत कोर्ट ने पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में कार्रवाई करते हुए काह कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (शील भंग करना), 354(ए) यौन उत्पीड़न, 509 (महिला को अपशब्द बोलना) और 354बी (महिला पर बल प्रयोग), 354(डी) स्टाकिंग, 341 के तहत चार्ज लगाने का आदेश दिया है।
13 फरवरी 2015 को पचौरी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। फिर 21 मार्च को उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। पीड़ित महिला ने कोर्ट के ऑर्डर के बाद थोड़ी राहत मिलने की बात कही। उन्होंने कहा, 'यह आसान नहीं था। सच्चाई सामने लाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा।' पीड़िता का कहना है कि वह अदालत की इस कार्रवाई से खुश है। वहीं, पचौरी ने सभी आरोपों को गलत बताया है। पहले भी आरके पचौरी के साथ काम कर चुकीं दो महिलाएं उनपर ऐसे आरोप लगा चुकी हैं।