Delhi Riots: धर्म के लिए बनाया गया था फैजान को निशाना, मां ने अदालत में दी दलील; 8 मई तक सुनवाई स्थगित
याचिका के अनुसार फैजान को दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में लिया था और 26 फरवरी 2020 को उसने दम तोड़ दिया। अदालत ने ग्रोवर की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई आठ मई तक के लिए स्थगित कर दी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर किए गए 23 वर्षीय फैजान की मां किस्मतुन ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि उनके बेटे की मौत एक घृणित अपराध और हिरासत में हत्या है। किस्मतुन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि फैजान को उसके धर्म के लिए निशाना बनाया गया था।
किस्मतुन की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ के समक्ष कहा कि पुलिसकर्मियों ने फैजान पर हमला किया था और 24 फरवरी की शाम से 25 फरवरी 2020 की रात तक पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। इसके बाद उसकी मौत हो गई थी। किस्मतुन ने उनके बेटे की मौत की एसआइटी जांच की मांग की गई है।
याचिका के अनुसार फैजान को दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में लिया था और 26 फरवरी 2020 को उसने दम तोड़ दिया। ग्रोवर ने आगे कहा कि जीटीबी अस्पताल के मेडिको-लीगल सर्टिफिकेट (एमएलसी) में उल्लेख है कि फैजान को न्यूरोसर्जरी के लिए रेफर किया जाना चाहिए।
अदालत ने फैजान की मौत से संबंधित प्राथमिकी की जांच की स्थिति पर एसपीपी अमित प्रसाद से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जांच जारी है। अदालत ने ग्रोवर की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई आठ मई तक के लिए स्थगित कर दी।