Delhi Riots: दिल्ली दंगे मामले में कोर्ट ने आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत देने से किया इन्कार
Delhi Riots कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन को जमानत देने से इन्कार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने कहा कि कुछ दिन पहले इस मामले में आरोप निर्धारण के स्तर पर ताहिर पर प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Riots: उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे के दौरान दयालपुर इलाके में गोली लगने से एक व्यक्ति के घायल होने के मामले में मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन को झटका लगा है। बुधवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन को जमानत देने से इन्कार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने कहा कि कुछ दिन पहले इस मामले में आरोप निर्धारण के स्तर पर ताहिर पर प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए थे। उसने अपने घर से हिंदुओं पर हमला करने के लिए दंगाइयों को सहूलियत प्रदान की थी। साजिश से लेकर हमला करने के लिए लोगों को उकसाने में उसकी भूमिका थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में सिर्फ ताहिर पर गंभीर पर आरोप ही नहीं है, बल्कि उसके द्वारा गवाहों को प्रभावित करने व धमकाने की भी आशंका है। इन परिस्थितियों में जमानत नहीं दी जा सकती।
दंगाइयों ने ताहिर हुसैन की छत से गोली चलाई
दयालपुर इलाके में 25 फरवरी 2020 को दंगे के दौरान अजय गोस्वामी नाम के व्यक्ति को करावल नगर रोड पर गोली लगी थी। इस मामले में ताहिर हुसैन समेत आठ लोगों को आरोपित बनाया था। आरोपपत्र में गवाहों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि दंगाइयों ने ताहिर हुसैन की छत से गोली चलाई थी। गत पांच नवंबर को कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपितों पर आरोप तय हो चुके हैं। हाल में इस मामले में ताहिर हुसैन ने जमानत के लिए अर्जी लगाते हुए कहा कि उसके खिलाफ कोई ठोस सुबूत नहीं है।
आरोपित दंगे की साजिश का मुखिया
न ही कोई इलेक्ट्रानिक साक्ष्य है। वह इस मामले में पीड़ित है, दंगाई जबरन उसके घर में घुस गए थे। उसे गलत तरीके से आरोपित बनाया गया है। यह भी दलील दी कि गंभीर आरोप के आधार पर उसकी जमानत अर्जी को खारिज नहीं किया जा सकता। अभियोजन पक्ष ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित दंगे की साजिश का मुखिया है। इसने अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची। वह पीड़ित नहीं है, इस दावे के लिए उसने किसी तरह की शिकायत दंगे के दौरान या बाद में नहीं दी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
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