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दिल्ली बच्चों के वैक्सीनेशन की तैयारी पूरी, हर दिन तीन लाख बच्चों को लग सकता है टीका, जानें बूस्टर पर सरकार की तैयारी

दिल्ली में कोरोना संक्रमित अब 54 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में ओमिक्रोन का संक्रमण पाया जा रहा है। अभी तक ओमिक्रोन के किसी मरीज में गंभीर संक्रमण नहीं देखा गया है। फिर भी अस्पतालों में इलाज के लिए पूरी तैयारी रखी गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 06:06 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 06:06 PM (IST)
अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए तीन हजार बेड की व्यवस्था: सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। संतोष की बात है यह है कि गंभीर मामले ज्यादा नहीं आ रहे हैं। इसलिए बहुत कम मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। दिल्ली में कोरोना संक्रमित अब 54 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में ओमिक्रोन का संक्रमण पाया जा रहा है। अभी तक ओमिक्रोन के किसी मरीज में गंभीर संक्रमण नहीं देखा गया है। फिर भी अस्पतालों में इलाज के लिए पूरी तैयारी रखी गई है। बच्चों के इलाज के लिए भी अगल से तीन हजार बेड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने दिल्ली में बच्चों की वैक्सीनेशन की तैयारी को लेकर भी जानकारी दी।  

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कोरोना संक्रमित 54 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में मिल रहा ओमिक्रोन का संक्रमण

उन्होंने कहा कि कोरोना का कोई भी वैरिएंट हो उससे बचाव व इलाज का तरीका एक जैसा ही है। इसलिए बेवजह लोग घर से बाहर न निकलें। बहुत जरूरी हो तभी मास्क लगाकर घर से निकलें। यदि सभी लोग मास्क लगाएं तो 99 फीसद तक संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने लोगों से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर संक्रमित पाए जा रहे यात्रियों को पांच सितारा होटल व सरकारी कोविड केयर सेंटर में क्वारंटाइन किया जा रहा है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर अस्पतालों में इलाज की पूरी तैयारी

दिल्ली में कोरोना की रोकथाम के लिए दूसरे राज्यों के मुकाबले पहले ही अधिक सख्त कदम उठाए जा चुके हैं। डेल्टा के संक्रमण के दौरान 15 से 20 प्रतिशत मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ रहा था। अभी यह स्थिति नहीं है। यदि अस्पतालों में मरीजों के दाखिले ज्यादा बढ़ते हैं तो स्थिति की समीक्षा कर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

हर मरीज के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जरूरत नहीं

उन्होंने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग का इलाज से कोई वास्ता नहीं है। पहले सौ फीसद सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही थी। अब 100 फीसद सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग करने की जरूरत नहीं है। फिर भी काफी संख्या में सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है, उससे स्थिति का पता चल रहा है कि कितने प्रतिशत मरीजों में ओमिक्रोन है।

बच्चों के टीकाकरण की तैयारी पूरी

उन्होंने कहा कि अभी 18 साल से अधिक उम्र के करीब डेढ़ लाख लोगों को प्रतिदिन टीका लग रहा है। करीब एक हजार टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं और प्रतिदिन तीन लाख लोगों के टीकाकरण की क्षमता है। इसलिए दिल्ली सरकार 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए तैयार है। एक सप्ताह से 10 दिन में टीका लगाया जा सकता है। बूस्टर डोज के लिए भी पर्याप्त टीका उपलब्ध है।


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