दिल्ली पुलिस के जवानों पर अवैध वसूली के आरोपों से शर्मसार हुई खाकी
इस तरह की घटनाओं से लोगों का पुलिस से विश्वास कम होता है। समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ती है इसलिए किसी भी सूरत में अपराध में संलिप्त पुलिसवालों को माफी नहीं मिलनी चाहिए। पुलिसकर्मियों के कामकाज व प्रशिक्षण में भी सुधार की जरूरत है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस के दो जवानों पर एक बर्खास्त सिपाही के साथ मिलकर एक काल सेंटर के कर्मचारी को अगवा करने और उसके मालिक से वसूली करने की कोशिश करने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपितों ने झंडेवालान में अवैध काल सेंटर चलाने का आरोप लगाकर वहां से एक कर्मचारी को उठा लिया। फिर उसके मालिक को फोन कर पैसे नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस से की जिसके बाद आरोपितों की गिरफ्तारी हो सकी। इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी पुलिस वालों पर लोगों को अगवा कर वसूली करने के आरोप लगे हैं।
पिछले माह पूर्वी दिल्ली में तीन पुलिस वालों पर भी एक प्रोपर्टी डीलर को अगवा कर वसूली करने के आरोप लगे थे। इसी तरह से संगीन अपराध में कई पुलिस वाले संलिप्त पाए गए हैं। इस तरह की घटनाएं चिंता की बात हैं। इससे दिल्ली पुलिस की छवि धूमिल होती है, इसलिए उच्च पुलिस अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस तरह की घटनाओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दरकार है जिससे कि भविष्य में इस तरह के अपराध करने की पुनरावृत्ति न हो। अपराध के शिकार लोग पुलिस के पास सुरक्षा की उम्मीद से जाते हैं। उन्हें विश्वास रहता है कि पुलिस वाले उनकी मदद करेंगे।
इस तरह की घटनाओं से लोगों का पुलिस से विश्वास कम होता है। समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ती है, इसलिए किसी भी सूरत में अपराध में संलिप्त पुलिसवालों को माफी नहीं मिलनी चाहिए। पुलिसकर्मियों के कामकाज व प्रशिक्षण में भी सुधार की जरूरत है। उच्च अधिकारियों को अपने नीचे काम करने वालों पर नजर रखनी चाहिए। यदि किसी का व्यवहार संदिग्ध लगे या उसके खिलाफ किसी तरह की कोई शिकायत हो तो उसे गंभीरता से लेकर जांच होनी चाहिए। पुलिसकर्मियों की नियमित काउंस¨लग होनी चाहिए जिससे कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास रहे।