दिल्ली में रोजाना सामने आते हैं दुष्कर्म के 5 मामले, ज्यादातर में अपनों ने बनाया शिकार
अजनबियों द्वारा दुष्कर्म की घटनाएं तो हर साल हो ही रही है, मित्र/पारिवारिक मित्र और जान-पहचान के लोगों द्वारा अस्मत लूटने के मामले बढ़ रहे हैं।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। दिल्ली पुलिस के सुरक्षा के दावों और उपायों के बावजूद राजधानी में महिलाओं की स्थिति में बहुत अंतर नहीं आ पाया है। खासकर दुष्कर्म के मामलों में स्थिति अधिक भयावह है। 2012 की तुलना में आज भी दुष्कर्म के मामले तीन गुना अधिक हैं। वसंत विहार दुष्कर्म मामले के कारण 2012 हर किसी के जेहन में है। 2012 में राजधानी में दुष्कर्म के 706 मामले दर्ज हुए थे। यह आंकड़ा अगले साल दोगुना हो गया, जबकि 2014 में यह तीन गुना हो गया था। इसके बाद के सालों में आंकड़ों में मामूली घटत-बढ़त दर्ज की गई।
2018 में दुष्कर्म के 2043 मामले दर्ज किए गए जो कि 2017 से महज 0.78 फीसद कम हैं। अजनबियों द्वारा दुष्कर्म की घटनाएं तो हर साल हो ही रही है, मित्र/पारिवारिक मित्र और जान-पहचान के लोगों द्वारा अस्मत लूटने के मामले बढ़ रहे हैं। साफ है कि आधी आबादी को अनजबियों से अधिक अपनों से खतरा बढ़ रहा है।
कुछ मामलों में गिरावट भी
सालाना प्रेस वार्ता में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में दुष्कर्म के कुल 2043 में से 1992 (97.5 फीसद) मामलों में मित्र/ पारिवारिक मित्र, पड़ोसी, रिश्तेदार, सहकर्मी और अन्य जानकार शामिल थे। ढाई फीसद यानी 51 मामलों में अनजबियों का हाथ पाया गया, जबकि 2017 में अनजान लोगों के मामले 3.37 फीसद थे। आंकड़ों पर गौर करें तो पड़ोसी, सहकर्मी और रिश्तेदारों द्वारा दुष्कर्म के मामलों में गिरावट दर्ज की गई। वहीं कुल मामलों में 550 ऐसे भी थे, जिनमें पीड़िता लिव-इन में रही थीं या फिर आरोपित ने शादी से इनकार कर दिया था।
95 फीसद मामले सुलझाने का दावा
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि इस वर्ष दुष्कर्म के 95 फीसद मामले सुलझाए गए, जबकि पिछले साल 91.31 फीसद और 2016 में दुष्कर्म के 86 फीसद मामले सुलझाए गए थे।
2.75 लाख महिलाएं हुईं प्रशिक्षित
महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में दिल्ली पुलिस ने बीते वर्ष कई नए कदम उठाए हैं। इसके तहत 15 पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) वैन शुरू किए गए हैं, जिनमें सिर्फ महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके लिए 46 महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है। इनके अलावा सशक्ति अभियान के तहत 2018 में 1419 शिविर लगाकर दो लाख 77 हजार 516 महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। इस तरह से 2002 में शुरू हुए इस अभियान में अब तक नौ लाख 80 हजार 456 से अधिक महिलाएं प्रशिक्षित हुई हैं।
- ये किए गए उपाय
- रात्रि गश्त
- महिला पुलिसकर्मियों से लैस 15 पीसीआर और पुलिस टीमों का गठन
- स्कूल और कॉलेजों के बाहर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती
- हिम्मत एप