नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वर्क फ्राम होम (WFH) के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले दो जालसाजों को बाहरी जिले के साइबर सेल थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों में उत्तर प्रदेश के बागपत का अंकित राठी और सुधीर कुमार हैं। पुलिस ने इनके बैंक खातों में 64 लाख रुपये सीज किए हैं।
आरोपितों ने इंटरनेट मीडिया पर वर्क फ्राम होम में काम करने पर रोजाना तीन से 20 हजार रुपये देने और निवेश पर 30 प्रतिशत अधिक रिटर्न देने का पोस्ट डाला था। इस पर लोग इनके झांसे में आए गए। डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, पीतमपुरा के रहने वाले हरीन बंसल ने शिकायत दी थी। उन्हें इंस्टाग्राम पर घर से काम करके रोजाना बड़ी कमाई करने की एक पोस्ट मिली।
पोस्ट पर क्लिक करके होता था धोखा
पोस्ट पर क्लिक किया तो एक वेबसाइट पर पंजीकरण करने के लिए कहा गया। आरोपितों ने कहा कि उन्हें वेबसाइट पर दिए गए कार्यों को पूरा करना है। कार्य को पूरा करने के बाद उसे मूल राशि के साथ-साथ कमीशन मिलेगा।
शुरू में उन्होंने कम राशि जमा की और अपने बैंक खाते में अर्जित कमीशन के साथ अपना पैसा निकालने में सक्षम थे, लेकिन बाद में उन्होंने अधिक पैसा लगा दिया तो वह उसे निकाल नहीं पा रहे थे और आरोपितों ने अपना फोन बंद कर लिया। इस तरह से पीड़ित से 9.3 लाख रुपये की ठगी हुई।
अलग-अलग बैंक खाते में भेजे पैसेपुलिस टीम ने मामले की जांच किया तो पता चला कि पीडि़त से ठगे गए पैसे नौ अलग-अलग बैंक खातें में भेजे गए हैं। इनमें छह लाख रुपये अंकित के खाते में भेजे गए थे। पुलिस टीम अंकित की लोकेशन निकाली। फिर उसे हरिद्वार में उसे समय पकड़ा गया, जब वह एक अन्य व्यक्ति के साथ बैंक खाता खुलवाने जा रहा था।
इससे पूछताछ के बाद सुधीर के बारे में जानकारी मिली। उसके बाद सुधीर को गिरफ्तार कर लिया गया। वह बागपत में रियल एस्टेट एजेंट के रूप में काम करता है।
ऐसे करते थे ठगी
पीड़ितों को अंशकालिक नौकरी का लालच दिया जाता था, जिसमें उन्हें प्रतिदिन तीन से 20 हजार रुपये कमाने का लालच दिया जाता था। जालसाजों द्वारा फर्जी वेबसाइट पर एक खाता बनाने के लिए उन्हें टेलीग्राम और वाट्सएप के माध्यम से निर्देशित किया जाता है।
जालसाज शुरू में 100 रुपये से 1000 रुपये के छोटे निवेश पर उच्च रिटर्न देते थे। जिसे पीडि़तों के बैंक खाते में भेजा जा सकता है। ऐसा पीडि़तों का विश्वास हासिल करने करने के लिए किया जाता है। जब पीडि़त अधिक रकम निवेश करता तो आरोपित उक्त रकम को लेकर फरार हो जाते थे।