Delhi: 10 वीं पास चला रहा था MBBS में एडमिशन दिलाने का गिरोह, 59 लाख की कर चुका ठगी, क्राइम ब्रांच ने दबोचा
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एमबीबीएम में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को लकी सिद्धू को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित 10वीं पास है। वह 59 लाख रुपये की ठगी कर चुका है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एमबीबीएम में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को लकी सिद्धू को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित दिल्ली के रानी बाग इलाके का रहने वाला है। इसके खिलाफ दिल्ली और पंजाब के ठगी के मामले दर्ज हैं। वह 59 लाख रुपये की ठगी कर चुका है।
10 वीं पास है आरोपित
आरोपित सिर्फ 10वीं पास है। आरोपित को कोर्ट ने ठगी के मामले में भगोड़ा घोषित किया हुआ था। फिलहाल पुलिस आरोपित से पूछताछ कर इस बात की जांच कर रही है कि वह अब तक कितने छात्रों के साथ ठगी कर चुका है। विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव अनुसार पीडित प्रीतम सिंह ने साइबर सेल में तैनात इंस्पेक्टर मनोज कुमार मिश्रा को शिकायत दी थी।
कई लोगों से की ठगी
बताया गया कि उनके बेटे शिवशक्ति का एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर आरोपित लकी सिद्धू ने 12 लाख रुपये ठग लिए है। आरोपित ने बेंगलुरू स्थित मेडिकल कालेज में दाखिला दिलाने की बात कही थी। प्रीतम सिंह ने बताया कि उनके पास जुलाई, 2018 में एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह उनके बेटे का बेंगलुरू स्थित मेडिकल कालेज में दाखिला दिला सकता है।
आरोपित ने 30 लाख रुपये की मांग की। प्रीतम ने आरोपित के 10 लाख रुपये नगद दे दिया। इसके बाद आरोपित ने कहा कि वह बेटे को बेंगलुरू ले जाए। वहां पर पीड़ित से लकी के भाई रिंकू ने दो लाख रुपये लिए और कहा कि दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बाद में प्रीतम सिंह को कालेज से पता लगा कि उनके बेटे कादाखिला नहीं हुआ है।
प्रापर्टी डीलर से बना ठग
पुलिस अधिकारी ने बताय कि लकी के बारे में सूचना मिली की वह रानी बाग इलाके में हैं, ऐसे में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि 10वीं पास लकी शुरू में प्रापर्टी डीलर था। वर्ष 2016 में उसने समर्थ एजुकेशन नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। इसके बाद ठगी करना शुरू कर दिया। आरोपित नीट पास करने वाले छात्रों की जानकारी जुटाता था।
इसके बाद वह छात्रों को फोन करता था और उन्हें विभिन्न मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस व पीजी पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने का झांसा देता था। कई बार ये छात्रों से एडवांस में पैसा लेने में सफल हो जाता था। पैसा लेने के बाद ये गायब हो जाता था।