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Delhi: बैग से रुपये निकालने वाले गिरोह के सरगना का पुलिसकर्मी के साथ वीडियो वायरल, जांच शुरू

पुरानी दिल्ली इलाके में बाइक सवारों के बैग से नकदी उड़ाने वाले गिरोह के सरगना का पुलिसकर्मी के साथ वीडियो प्रसारित हो रहा है। उत्तरी जिले की स्पेशल स्टाफ ने सरगना विकास को साथी सागर के साथ शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।

By Dhananjai MishraEdited By: GeetarjunPublished: Sun, 26 Mar 2023 12:26 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2023 12:26 AM (IST)
बैग से रुपये निकालने वाले गिरोह के सरगना का पुलिसकर्मी के साथ वीडियो वायरल, जांच शुरू

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पुरानी दिल्ली इलाके में बाइक सवारों के बैग से नकदी उड़ाने वाले गिरोह के सरगना का पुलिसकर्मी के साथ वीडियो प्रसारित हो रहा है। उत्तरी जिले की स्पेशल स्टाफ ने सरगना विकास को साथी सागर के साथ शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह ने गत छह से आठ माह में एक करोड़ से अधिक की नकदी बाइक सवारों के बैग से उड़ाया है।

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सरगना विकास का पुलिस कर्मी के साथ वीडियो प्रसारित होने पर माना जा रहा है कि यह कई पुलिसकर्मियों सेसांठगांठ कर अपना गिरोह चला रहा था। विकास के मोबाइल की जांच करने पर पुलिसकर्मियों के साथ पार्टी करने के वीडियो और फोटो मिले हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि विकास ने पूछताछ में भी कई पुलिसकर्मियों से सांठगांठ होने की बात स्वीकार की है। इस संबंध में उत्तरी जिले के वरिष्ठ अधिकारी जांच कर रहे हैं। प्रसारित हो रहा वीडियो विकास के जन्मदिन का बताया जा रहा है।

उक्त वीडियो में विकास के पिता राजकुमार को क्राइम ब्रांच में तैनात हवलदार केक खिलाता हुआ दिख रहा है उसके बगल विकास खड़ा है। सूत्रों ने बताया कि कुछ समय पहले हवलदार पहाड़गंज थाने में तैनात था। इस दौरान विकास उसके संपर्क में आया।

सूत्रों का यह भी कहना है कि विकास का कई पुलिसकर्मियों से संपर्क है। पूछताछ में उसने कुछ पुलिसकर्मियों के भी नाम बताएं हैं जिसकी मिलीभगत से वह गिरोह संचालित कर रहा था। पुलिस को यह भी पता चला है कि वह अपना नाम जाहिर न करने के लिए पुलिस के मुखबिरों और गिरफ्तार सदस्यों को रुपये देता था।

वारदात के 24 दिन बाद हुई गिरफ्तारी

एक मार्च को लाल किला के सामने लाल बत्ती पर बाइक सवार के बैग से 40 लाख रुपये दिन दहाड़े निकाल लिए गए थे। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया था। चोरी की रकम की भी पुलिस ने बरामदगी कर ली थी।

वारदात के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच में पीड़ित की बाइक के पीछे विकास भी दिखा, लेकिन पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में 24 दिन लग गए। सूत्रों ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मी विकास को बचाने में भी लगे हुए थे। यह भी कहा जा रहा है कि मामले में कुछ पुलिस कर्मी विकास को आरोपित नहीं बनाने में भी लगे हुए थे।

गिरोह में नए लड़कों की भर्ती भी कर रहा था

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि विकास अपने गिरोह में नए लड़कों की भर्ती भी कर रहा था। उसने नबी करीम, पहाड़गंज और सदर बाजार के इलाके से गिरोह के सदस्यों को भर्ती किया और कूचा घासी राम से बाहर आने वाले व्यापारियों को निशाना बनाया था।

जब उसके गिरोह के किसी भी सदस्य को गिरफ्तार किया जाता था तो उसने अपराध में अपना नाम प्रकट नहीं करने के लिए गिरोह के सदस्य के परिवार को मोटी रकम दी थी। पुलिस को यह भी पता चला है कि उसने पुलिस के सामने अपना नाम उजागर नहीं करने के लिए कई पुलिस के मुखबिरों को भारी रकम दिया।


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