पढ़िए 1000 लोगों को ठगने वाले शातिरों की कहानी, आपकी एक जरूरत पर मिनटों में करते थे खेल
पुलिस पूछताछ में कुनाल ने बताया कि उसने इस वर्ष फरवरी में कॉल सेंटर शुरू किया था। वह 11 लोगों के साथ मिलकर बेरोजगारों को ठग रहा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर मास्टरमाइंड सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। टीम ने मौके से 18 मोबाइल फोन, 13 हार्ड डिस्क, एक सर्वर, 12 हेड फोन, चार लैपटॉप और पांच डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। पांच बैंक खातों की जानकारी मिलने के बाद उन्हें सीज कर दिया गया है।
दो करोड़ रुपये की हो चुकी है ठगी
नोएडा से संचालित इस कॉल सेंटर से करीब एक हजार बेरोजगारों से दो करोड़ रुपये की ठगी की जा चुकी है। मास्टरमाइंड कुनाल सिंह नोएडा सेक्टर-74 का रहने वाला है। वर्ष 2016 में ठगी के मामले में उसे पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कॉल सेंटर को पुलिस व लोगों की नजरों से बचाने के लिए वह आइ स्टार 24 नाम से ऑनलाइन न्यूज चैनल भी चला रहा था।
वेबसाइट से नौकरी के लिए आवेदन
डीसीपी अन्येश रॉय ने बताया कि एक महिला वकील ने शिकायत दी थी कि उन्होंने कॉरपोरेट वकील की नौकरी के लिए एक वेबसाइट पर आवेदन किया था। उनके पास विदेश के किसी नंबर से फोन आया और नौकरी दिलाने की बात कही गई।
प्रोसेसिंग फीस के लिए मांगा 34 हजार रुपये
बॉयोडाटा व अन्य दस्तावेजों की स्कैन कॉपी मांगी गई। नौकरी दिलाने के लिए प्रोसेसिंग फीस और अन्य मदों में उनसे 34 हजार रुपये की ठगी की गई। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस में की। जांच के लिए एसीपी रमन लांबा के निर्देशन में इंस्पेक्टर भानुप्रताप के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। खातों और तकनीकी जांच के आधार पर पता चला कि लोगों को ठगने के लिए कॉल सेंटर नोएडा सेक्टर-8 में चल रहा है। 22 सितंबर को टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारा और वहां से कुनाल सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जलालाबाद निवासी गौरव गुप्ता, मोदी नगर के गोविंदपुरी निवासी विशाल तंवर उर्फ सन्नी और शुभम, गाजियाबाद के नंदग्राम निवासी शशांक शेखर और केरल निवासी कल्पेंद्र सिंह राजपूत के रूप में हुई है।
फरवरी में शुरू हुआ कॉल सेंटर
पुलिस पूछताछ में कुनाल ने बताया कि उसने इस वर्ष फरवरी में कॉल सेंटर शुरू किया था। वह 11 लोगों के साथ मिलकर बेरोजगारों को ठग रहा था। बेरोजगार युवाओं की जानकारी उसे कई वेबसाइट से मिल रही थी। उसके निशाने पर दस हजार युवक थे। फरवरी से अब तक करीब एक हजार युवाओं से दो करोड़ रुपये ठग चुका है। इन रुपयों को उसने फर्जी नाम की कंपनियों के खातों में जमा कराया और फिर वहां से अन्य बैंक खातों व मोबाइल वॉलेट में भेजा।