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Delhi Crime: दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो गिरफ्तार, फोनपे QR कोड लगाने के बहाने करते थे ठगी

Delhi Crime News रोहिणी जिला की साइबर थाना पुलिस ने फोनपे के क्यूआर कोड लगाने की आड़ में ठगी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान पीतमपुरा के रविंद्र उर्फ रिंकू और कराला के रोहित नेगी के रूप में हुई है।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunPublished: Sat, 01 Apr 2023 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2023 11:41 PM (IST)
Delhi Crime: दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो गिरफ्तार, फोनपे QR कोड लगाने के बहाने करते थे ठगी
दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो गिरफ्तार, फोनपे QR कोड लगाने के बहाने करते थे ठगी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रोहिणी जिला की साइबर थाना पुलिस ने फोनपे के क्यूआर कोड लगाने की आड़ में ठगी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान पीतमपुरा के रविंद्र उर्फ रिंकू और कराला के रोहित नेगी के रूप में हुई है।

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आरोपितों के पास से 200 फोनपे स्कैनर पैम्प्लेट आदि सामान बरामद किया गया है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपित अब तक कितने लोगों से ठगी कर चुके थे।

साउंड बॉक्स लगाने की कही बात

रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि रोहिणी के शिकायतकर्ता ने बताया था कि अक्टूबर 2022 में एक युवक उनके पास आया और कहा कि वह फोनपे से है। वह फोनपे का साउंड बॉक्स लगा सकता है। इसके बदले उसे अपने फोन में फोनपे बिजनेस इंस्टॉल करने को कहा।

छह रुपये के लेन-देन का आया मैसेज और फिर...

आरोपित ने उसका फोन लिया और फोनपे का बिजनेस शुरू कर दिया। नौ नवंबर को उसके फोन पर अंजान नंबर से फोन आया। लेकिन दूसरी तरफ से कोई बात नहीं हुई। 15-20 मिनट के बाद उसके पेटीएम पेमेंट्स बैंक से छह रुपये के लेनदेन का मैसेज आया। बाद में उसके खाते से अचानक से 3.14 लाख रुपये निकल गए।

साइबर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। बैंक अधिकारियों से आरोपितों की डिटेल लेकर पीतमपुरा से रविंदर को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर उसके साथी को भी पकड़ लिया।

आरोपी दुकानदारों से ऐसा करता संपर्क

पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि वह फोनपे का क्यूआर कोड लगाने के लिए दुकानदारों से संपर्क करने का काम करते थे। उन्हें क्यूआर कोड स्कैनर उपलब्ध कराए गए और उन्हें ये क्यूआर कोड विभिन्न दुकानों पर लगाने लगे। वे अपने काम के दौरान दुकानों पर जाते थे, क्यूआर कोड इंस्टाल करते थे।

दुकानदारों के बजाय अपना मोबाइल नंबर लगा देते

इस दौरान उन्हें पता लगा कि यहीं काम करते हुए वह किस तरह से आसानी से पैसा कमा सकते हैं। आरोपित लोगों के फोन में फोनपे बिजनेस एप इंस्टाल करने के बहाने पेटीएम का पुराना वर्जन इंस्टाल कर देते थे। वह पीटीएम खाते में दुकानदारों के मोबाइल नंबर के बजाय अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर देते थे।

7-8 दिनों के बाद पीड़ित के पेटीएम खाते से पैसे ट्रांसफर कर लेते थे। शुरू में वे छोटी-छोटी रकम ट्रांसफर करते थे, जिस वजह से दुकानदारों की उन पर नजर नहीं पड़ती थी।जब आरोपतों ने लालच में आकर 3.14 लाख रुपये ट्रांसफर किए तो उनके बारे में पता लगा।


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