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दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा JeM आतंकी बशीर, 2 लाख का था इनाम; श्रीनगर से हुई गिरफ्तारी

एक मामले में आतंकी बशीर अहमद की स्पेशल सेल (दिल्ली पुलिस) को तलाश थी। इस बाबत उस पर 2 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 10:38 AM (IST)
दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा JeM आतंकी बशीर, 2 लाख का था इनाम; श्रीनगर से हुई गिरफ्तारी

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जैश-ए-मुहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के आतंकी बशीर अहमद को कई सालों बाद गिफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। स्पेशल सेल ने आतंकी बशीर की गिरफ्तारी सोमवार शाम को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से की। एक मामले में आतंकी बशीर की स्पेशल सेल को तलाश थी। इस बाबत उस पर 2 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था। इसके दो और साथियों को दिल्ली पुलिस ने इसी साल गिरफ्तार किया था। इनके नाम फैयाज और मजीद बाबा हैं।

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मिली जानकारी के मुताबिक, मुखबिर की सूचना पर स्पेशल सेल ने मंगलवार को श्रीनगर से बसीर अहमद को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद लगातार उससे पूछताछ की जा रही है।

यहां पर बता दें कि एक दशक पहले 2007 में भी दिल्ली पुलिस के साथ एनकाउंटर के दौरान बशीर गिरफ्तार हुआ था, लेकिन मुकदमा चलने के बाद निचली अदालत से बरी हो गया था। इसके बाद मुकदमा दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने इसे सजा सुनाई थी। कुछ सालों बाद इस मामले में जमानत मिलने के बाद बशीर हाई कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था। कई बार पेशी से नदारद रहने पर कोर्ट ने उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट तक जारी किया था। 

मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर में दो जगह तलाशी अभियान चलाया। इसी कड़ी में बिछरवारा कुपवाड़ा और हाजिन बांडीपोर में भी तलाशी ली। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने जैश ए मुहम्मद के एक आतंकी बशीर अहमद पन्नु को श्रीनगर में पकड़ा। 

फरवरी 2007 में दिल्ली पुलिस ने बशीर अहमद ,फैयाज अहमद लोन और अब्दुल मजीद बाबा को एक पाकिस्तानी आतंकी शाहिद गफूर संग दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर पकड़ा था। पुलिस ने दावा किया था कि यह सभी एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद पकड़े गए हैं। पुलिस ने इन चारों के कब्जे से एक पिस्तौल, 50 हजार रुपये की भारतीय करंसी और कुछ जाली अमेरिकी डॉलर पकड़े थे। यह दिल्ली में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देना चाहते थे। सात अगस्त 2013 में दिल्ली की एक अदालत ने शाहिद गफूर को सजा सुनाई थी और बशीर, फैयाज व अब्दुल मजीद को रिहा कर दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने बशीर, फैयाज व अब्दुल मजीद को भी दोषी करार देते हुए सजा सुनाई, लेकिन यह तीनों फरार हो गए और कश्मीर में आकर अपना कामकाज करने लगे। दिल्ली पुलिस ने कई बार इनके लिए नोटिस जारी किया,लेकिन यह हाजिर नहीं हुए। इस पर पुलिस ने तीनों को दो-दो लाख रुपये का इश्तिहारी मुजरिम करार दे दिया। फैयाज और अब्दुल मजीद को दिल्ली पुलिस पहले ही श्रीनगर से पकड़ चुकी है। बशीर ही रह गया था,उसे भी अब पकड़ लिया गया है।

गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी जिहादी संगठन है, जिसका मकसद कश्मीर को भारत से अलग करना है। इसकी स्थापना मौलाना मसूद अजहर ने की थी, लेकिन मौजूदा वक्त में उसका भाई मौलाना रऊफ असगर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है।

मसूद अज़हर ने मार्च 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की नींव रखी थी। साल 2001 में अमेरिका ने जैश-ए-मोहम्मद को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया। जिसके बाद साल 2002 में पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद को बैन कर दिया। जैश-ए-मोहम्मद का नाम भारत, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा जारी आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल है।

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