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खुद को PMO का निदेशक बता करता था जालसाजी, गिरफ्तार

जालसाज कन्हैया कुमार उर्फ डॉ. केके वरिष्ठ नौकरशाहों से मुलाकात कर विभिन्न विभागों में तैनात अधिकारियों की अच्छी जगहों पर पोस्टिंग करने की पैरवी करता था।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 01 Nov 2017 07:47 PM (IST)Updated: Wed, 01 Nov 2017 08:31 PM (IST)
खुद को PMO का निदेशक बता करता था जालसाजी, गिरफ्तार

नई दिल्ली [जेएनएन]। प्रधानमंत्री कार्यालय का निदेशक बता वरिष्ठ नौकरशाहों पर धौंस जमाने वाले जालसाज को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। जालसाज कन्हैया कुमार उर्फ डॉ. केके वरिष्ठ नौकरशाहों से मुलाकात कर विभिन्न विभागों में तैनात अधिकारियों की अच्छी जगहों पर पोस्टिंग करने की पैरवी करता था।

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हाल ही में उसने मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) से मुलाकात की थी। सीवीसी ने शक होने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। केके नोएडा के सेक्टर-100 स्थित लोटस अपार्टमेंट में परिवार के साथ रहता है।

स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केके ने 20 सितंबर को सीवीसी कार्यालय में लैंड लाइन से फोन कर खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का निदेशक बताकर आयुक्त से मुलाकात का समय मांगा था। सीवीसी से मिलने के लिए वह सवितर प्रसाद नाम के व्यक्ति को लेकर आया था। उसने सवितर का परिचय रक्षा मंत्रालय में एडिशनल कंट्रोलर जनरल के रूप में दिया था।

प्रधानमंत्री कार्यालय में पूछताछ की गई

केके ने सीवीसी से इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस के एक अधिकारी को मनचाहा पोर्टफोलियो देने की पैरवी की थी। शक होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय में पूछताछ की गई, तो पता चला कि उसके नाम से पीएमओ में कोई निदेशक नहीं है। इसके बाद स्पेशल सेल में मामला दर्ज कराया गया।

पुलिस रिमांड पर भेजा गया 

स्पेशल सेल ने सबसे पहले इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस के उस अधिकारी का पता लगाया, जिसके लिए केके पैरवी कर रहा था और फिर नोएडा के सेक्टर-100 से कन्हैया कुमार को दबोचा। मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उसे दस दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पूछताछ में केके ने बताया कि उसने विजिटिंग कार्ड हैदराबाद में चंद्रमौलि नाम के शख्स से बनवाए थे। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

पीएचडी की उपाधि भी फर्जी

आरोपी केके ने विजिटिंग कार्ड पर साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री के विश्राम कक्ष (रेस्ट रूम) को अपना कार्यालय बताया था। घर का पता पंडारा रोड की जिस कोठी को बताया था, वहां दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी रहते हैं।

पुलिस को शक है कि केके की पीएचडी की उपाधि भी फर्जी है। वह एसयूवी से चलता था, जिसमें भारत सरकार का स्टीकर लगा था। पुलिस का कहना है वर्ष 2014 में जब मत्रालयों में दलालों और एजेंटों की धरपकड़ के लिए मुहिम चलाई गई थी, उस समय केके भूमिगत हो गया था। उसने कुछ और धंधा शुरू किया, लेकिन उसमें नुकसान होने पर वह फिर जालसाजी करने लगा। 

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