AgustaWestland : राजीव दीक्षित की हिरासत अवधि चार दिनों के लिए और बढ़ी
दुबई के बिजनेस मैन राजीव दीक्षित को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगस्था वेस्टलैंड मामले में चार दिन की हिरासत अवधि बढ़ा दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दुबई के बिजनेस मैन राजीव दीक्षित की मुश्किलें बढ़ रही हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में उनकी चार दिनों की हिरासत अवधि बढ़ा दी है। अगस्ता वेस्टलैंड डील में राजीव दीक्षित कथित तौर पर सह आरोपी हैं।
बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को सरकार ने दो बड़े कथित दलालों को भारत लेकर आयी है। अब इनसे पूछताछ जारी है। फिलहाल राजीव दीक्षित की हिरासत ईडी के पास है। गौरतलब है कि इसके पहले दिसंबर में ही अगस्तावेस्टलैंड घोटाले के मुख्य बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाया गया था। ब्रिटिश नागरिक मिशेल को भी दुबई से ही प्रत्यर्पित कराया गया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में है।
मिशेल ने ही संप्रग सरकार में अपनी ऊंची पहुंच का इस्तेमाल कर वीवीआइपी हेलीकाप्टर सौदे को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर के पक्ष में करा दिया था। इसके एवज ने हेलीकाप्टर बनाने वाली कंपनी 5.8 करोड़ यूरो (तत्कालीन विनिमय दर के हिसाब से लगभग 360 करोड़ रुपये) की दलाली दी थी।
दलाली की रकम का हुआ था बंदरबांट
ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर खरीद घोटाले में दलाली की रकम के बंदरबांट में राजीव सक्सेना की कंपनियों का इस्तेमाल हुआ था। दरअसल 360 करोड़ रुपये की दलाली की रकम सबसे पहले ट्यूनिशिया की दो कंपनियों गोर्डियन सर्विसेज सर्ल और आइडीएस सर्ल में भेजी गई। वहां से यह रकम कंसल्टेंसी के नाम पर मारिशस स्थित कंपनी इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजी में भेजी गई, जो परोक्ष रूप से राजीव सक्सेना की कंपनी है। यहां से यही रकम दुबई की दो कंपनियों यूएचवाई सक्सेना और मैट्रिक्स होल्डिंग्स को भेजी गई। ये दोनों कंपनियां भी राजीव सक्सेना की ही है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुबई में दलाली की रकम आने के बाद उसे शेल कंपनियों और हवाला के मार्फत अंतिम लाभार्थियों तक पहुंचाया गया। मिशेल ने पूछताछ में ईडी के सामने घोटाले में शामिल कई बड़े लोगों का नाम लिया था, लेकिन उन तक दलाली की रकम पहुंचने का सबूत देने में वह नाकाम रहा। उसका कहना था कि यह राजीव सक्सेना को मालूम है कि किस तरह से सभी लोगों तक दलाली की रकम पहुंचाई गी थी। यदि पूछताछ में ईडी राजीव सक्सेना पूरा सच उगलवा लेता है, तो दलाली खाने वालों के खिलाफ शिकंजा कसना आसान हो जाएगा।