यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक जाने का अनुमान, दिल्ली वालों के लिए आज का दिन होगा अहम
बुधवार का दिन लोगों के साथ ही सरकार और जिला प्रशासन के लिए अहम होगा। दोपहर तक यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक जाने का अनुमान है जो खतरे के निशान से काफी ज्यादा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से गत रविवार को छोड़े गए आठ लाख क्यूसेक पानी के कारण मंगलवार को यमुना दिल्ली में खतरे के निशान से ऊपर बही। यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए रेलवे ने लोहे के पुराना पुल पर रात नौ बजे रेल का परिचालन बंद कर दिया। बुधवार का दिन लोगों के साथ ही सरकार और जिला प्रशासन के लिए अहम होगा। दोपहर तक यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक जाने का अनुमान है, जो खतरे के निशान से काफी ज्यादा है।
बुधवार सुबह से शाम तक पूर्वी जिला प्रशासन के अधिकारी दिल्ली के अन्य विभागों व हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहे और यमुना के जलस्तर को लेकर चर्चा करते रहे। मंगलवार को यमुना के बढ़े जलस्तर से कश्मीरी गेट, यमुना बाजार, शास्त्री पार्क, उस्मानपुर, वजीराबाद, ओखला सहित अन्य खादर इलाकों में बनी झुग्गियां डूब गईं। यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 और खतरनाक स्तर 205.33 है।
इससे पहले सोमवार शाम को ही यमुना खतरनाक स्तर को पार कर गई थी, प्रशासन ने सुबह 10 बजे लोहे के पुल को बंद कर दिया था। मंगलवार रात नौ बजे जैसे ही यमुना का जलस्तर 206.36 मीटर पहुंचा, रेलवे ने पुल पर रेल का आवागमन भी बंद कर दिया, इस लाइन से जाने वाली सभी ट्रेनों के रूट को डायवर्ट कर दिया गया है।
पूर्वी जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी अरुण गुप्ता ने बताया कि गत रविवार को बैराज से आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, वह बुधवार सुबह तक पूरी तरह दिल्ली पहुंच जाएगा। मंगलवार दोपहर दो बजे यमुना का जलस्तर 206.12 मीटर था, जो रात नौ बजे 206.40 मीटर तक पहुंच गया।
बुधवार दोपहर 12 बजे तक यमुना का जलस्तर 207 मीटर पहुंचने की आशंका है। हथिनी कुंड बैराज से मंगलवार रात नौ बजे दो हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया। उससे ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन गत रविवार को बड़ी मात्रा में बैराज से जो पानी छोड़ा गया था उससे यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा। उन्होंने कहा कि जलस्तर 207 पहुंचने पर भी दिल्ली में बाढ़ के हालात नहीं होंगे। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि यमुना के जलस्तर पर रेलवे निगाह रखे हुए है, लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पुल पर रेल का आवागमन रोका गया है। जलस्तर कम होने पर रेल सेवा शुरू की जाएगी।