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शुगर से पीड़ित दिल्‍ली के सबसे बुजुर्ग कोरोना मरीज ने बीमारी को दी मात, कहा- डरें नहीं सामना करें

प्रशासन दावा कर रहा है कि राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक उम्र के मरीज अारएन मल्होत्रा थे जो पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 10:08 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 10:11 PM (IST)
शुगर से पीड़ित दिल्‍ली के सबसे बुजुर्ग कोरोना मरीज ने बीमारी को दी मात, कहा- डरें नहीं सामना करें
शुगर से पीड़ित दिल्‍ली के सबसे बुजुर्ग कोरोना मरीज ने बीमारी को दी मात, कहा- डरें नहीं सामना करें

नई दिल्ली (शुजाउद्दीन)। एक ही परिवार के तीन बड़े लोग कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं। कोरोना पहले बेटे को चपेट में लेता है, इसके बाद बुजुर्ग पिता और बाद में पत्नी को। तीनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है, एक ही घर से तीन मरीज मिलने पर प्रशासन ने जनकपुरी इलाके को सील कर दिया। परिवार पर मानों कोरोना के कारण मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा हो। एक महीने तक कोरोना का सामना करने के बाद परिवार के लिए अच्छी खबर आई है, घर के सबसे बड़े व 82 वर्षीय बुजुर्ग आरएन मल्होत्रा कोरोना को मात देकर सोमवार शाम अपने घर लौट गए हैं। जबकि उनके बेटे व बहू अभी भी क्वारंटाइन सेंटर में ही हैं। प्रशासन दावा कर रहा है कि राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक उम्र के मरीज अारएन मल्होत्रा थे, जो पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।

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मंडोली जेल के क्‍वारंटाइन सेंटर में थी भर्ती

आरएन मल्होत्रा पिछले कई दिनों से मंडोली जेल के क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती थे, सोमवार को उन्हें छुट्टी मिल गई। प्रशासन के अधिकारियों व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकाें फूलों की माला पहनाकर व तालियां बजाकर उनकाे विदाई दी।

इसी सेंटर में भर्ती हैं बेटे और बहू

इसी सेंटर में भर्ती आरएन मल्होत्रा के 55 वर्षीय बेटे पंकज मलहोत्रा ने बताया कि घर में सबसे पहले वह ही संक्रमित हो हुए थे। 30 मार्च को उनहें दीनदयाल अस्पताल में भर्ती करवाया गया, इसके बाद एलएनजेपी अस्पताल में। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब उनके घर के सदस्यों को जांच की तो उनके बुजुर्ग पिता व पत्नी कोरोना पॉजिटिव आए। जबकि दो बेटे व मां की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी। इसके बाद पिता व पत्नी को पांच अप्रैल को इलाज के लिए एलएनजेपी में भर्ती करवाया। 19 अप्रैल को तीनों को मंडाेली के क्वारंटान सेंटर भेज दिया गया। आरएन मल्होत्रा ने बताया कि वह गृह मंत्रालय से सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हैं।

शुगर के मरीज थे मलहोत्रा
 वह शुगर के मरीज हैं, बेटे को कोरोना हो गया था। वह थोड़े डर गए थे, उन्होंने बेटे से कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है, हर एक बीमारी का डटकर सामना करो वह हार जाती है। कुछ दिन बाद वह भी इसकी चपेट में आ गए, उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने जो दिशानिर्देश दिए उनका पालन किया जिसके चलते उन्होंने अधिक उम्र होने के बाद भी कोरोना को हरा दिया।

एक दूसरे का रखा ख्याल

पंकज मल्होत्रा ने बताया कि पिता और पत्नी उनके साथ पहले अस्पताल में रहे और उसके बाद क्वारंटाइन सेंटर में। प्रशासन से अपील करके तीनों ने एक ही कमरे में भर्ती हो गए। यहां शारीरिक दूरी का पालन करते हुए तीनों ने एक दूसरे की देखभाल की। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनके पिता की बहुत देखभाल की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह और उनकी पत्नी भी जल्द ठीक होकर घर चले चले जाएंगे।

अधिकारी ने कहा

आरएन महल्होत्रा ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, बुजुर्ग होने के बावजूद उन्होंने इस गंभीर बीमारी का डटकर सामना किया। वह दूसरे मरीजों के लिए प्रेरणा हैं।

पंकज भटनागर, एसडीएम सीमापुरी।


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