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Delhi Nizamuddin Markaz: दिल्ली के संगम विहार में मिले तीन जमाती

Delhi Nizamuddin Markaz इनमें से एक युवक की तबीयत खराब थी जो दोस्त के साथ शनिवार देर रात सड़क पर घूम रहा था।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 07:58 AM (IST)
Delhi Nizamuddin Markaz: दिल्ली के संगम विहार में मिले तीन जमाती
Delhi Nizamuddin Markaz: दिल्ली के संगम विहार में मिले तीन जमाती

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Nizamuddin Markaz: दक्षिण दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात में शामिल होने के लिए आए दो युवक और उनके एक दोस्त को संगम विहार में पकड़ा गया है। इसके बाद तीनों को क्वारंटाइन किया गया है। इनमें से एक युवक की तबीयत खराब थी जो दोस्त के साथ शनिवार देर रात सड़क पर घूम रहा था। पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां शुरुआती जांच में कोरोना के लक्षण मिलने के बाद उन्हें दूसरे अस्पताल भेज दिया गया। दोनों को क्वारंटाइन में रखा गया है। मस्जिद से भी एक अन्य युवक को निकालकर क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया है। यह युवक भी बीमार युवक के साथ पश्चिम बंगाल से जमात में शामिल होने आया था। वह संगम विहार की अकबरी मस्जिद में छुपा था।

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टूटते नियमों पर खड़ा हुआ मरकज

निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज के अवैध निर्माण की शिकायत पिछले छह सालों से की जा रही थी। लेकिन न तो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने। इस दौरान प्रबंधन मरकज का लगातार अवैध निर्माण कराते रहे। तब्लीगी जमात का मामला सामने आने पर निगम ने अपनी ओर से पुलिस को शिकायत दी है। हालांकि डीसीपी ने शिकायत मिलने की पुष्टि नहीं की है। जंगपुरा एक्सटेंशन आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष व सत्यमेव जयते फाउंडेशन के चेयरमैन मोनू चड्ढा ने बताया कि उन्होंने 2014 में एसडीएमसी को मरकज के अवैध निर्माण की शिकायत दी थी, लेकिन निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद भी उन्होंने कई बार तत्कालीन उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मोनू ने बताया कि मरकज को नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया। नगर निगम के अधिकारियों ने मरकज के प्रबंधकों को कई बार मरकज के निर्माण वाली जगह के मालिकाना हक के दस्तावेज देने को कहा था। लेकिन प्रबंधकों ने कभी भी निगम को मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं सौंपे। ऐसे में इस जमीन के मालिकाना हक पर भी सवाल उठने लगे हैं।


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