Delhi News: सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करना हानिकारक, जलाने से होता है हानिकारक धुआं
प्लास्टिक को केवल एक ही बार इस्तेमाल किया जाता है फिर कचरे के रूप में फेंक दिया जाता है। इससे वातावरण प्रदूषित होता है। यह जल प्रदूषण और पर्यावरण प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। सिंगल यूज प्लास्टिक को जलाने से निकलने वाला धुआं हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नव जीवन माडल स्कूल की प्रिंसिपल अंजना दीक्षित ने कहा कि स्कूल में बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा पर्यावरण को स्वच्छ बनाने को लेकर भी शिक्षा दी जा रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक वातावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। ऐसे में छात्रों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है कि वे खुद इसका उपयोग नहीं करें साथ ही दूसरों को जागरूक करते रहें। बच्चों की बातों पर बड़े भी ध्यान देते हैं।
हर साल लाखों टन सिंगल यूज प्लास्टिक का होता है उत्पादन
उन्होंने कहा कि हर साल लाखों टन सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन किया जाता है, जिनमें से अधिकांश को रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है। इसमें प्लास्टिक बैग, पालिथीन, प्लास्टिक ग्लास, फूड पैकेजिंग आइटम, पानी की बोतलें आदि शामिल हैं।
इस्तेमाल के बाद बन जाते हैं कचरा
इन प्लास्टिक को केवल एक ही बार इस्तेमाल किया जाता है और फिर कचरे के रूप में फेंक दिया जाता है। इससे वातावरण प्रदूषित होता है। यह जल प्रदूषण और पर्यावरण प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। सिंगल यूज प्लास्टिक को जलाने से निकलने वाला धुआं हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है और सांस की समस्याओं को बढ़ाता है। हमें सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाली समस्याओं के कारणों को समझने की जरूरत है।
सिंगल यूज प्लास्टिक से बचने के लिए क्या करें
सबसे पहले सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने के लिए इसके विकल्प पर हमें ध्यान देना होगा। जैसे सब्जी खरीदने या दूध लेने जाते वक्त हमें एक जूट का झोला ले जाना चाहिए। इसके बाद भी अगर सामान नहीं आ पाए तो हमें एक दूसरे कैरी बैग को लेने पर विचार करना चाहिए ना कि प्लास्टिक बैग मांगना चाहिए। इससे हमारी आदतों में भी सुधार होगा और पर्यावरण को साफ और स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।