Delhi News: अनाजमंडी की घटना से भी नहीं लिया गया सबक, 43 लोगों की मौत से दहल गई थी राजधानी, फिर से शुरू हो गया कारोबार
ऐसे में कोई भी घटना में जान जाने के सिवाय और कोई उपाय नहीं होगा। रिहायशी इलाके में भारी भरकम तार लटके हुए हैं। इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए यहां पर व्यावसायिक मीटर लगाने की मंजूरी भी दी गई है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। आठ दिसंबर 2019 का दिन राजधानी दिल्ली के लिए काफी दर्दनाक था। आसमान में उठती आग की ऊंची-ऊंची लपटों के बीच लोग अपने आप को बचाने के लिए चीख रहे थे। ऐसे में 43 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। मामला था अनाज मंडी में चल रही फैक्ट्री का। जिसमे आग की घटना ने सभी का दिल दहला दिया था, लेकिन इतनी बड़ी घटना से प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। 43 लोगों की मौत को भूलकर अनाज मंडी में फिर से वही व्यापार शुरू हो गया है। जिससे एक बार फिर बड़े खतरे की आहट हैं।
जिस इमारत में घटना हुई थी वहां पर शटर तो गिरा हुआ है, लेकिन शटर के बाहर फैला कचरा इस बात के संकेत दे रहा है कि वहां कुछ न कुछ कारोबार फिर शुरू हो चुका है। घटना की इमारत के साथ ही पूरी गली में कहीं न कहीं फैक्टि्रयां चल रही हैं। कहीं पर प्लास्टिक के डिब्बे बनाए जा रहे हैं तो कोई कुर्सी बनाने के कारोबार में लगा है। ज्यादातर फैक्टि्रयां निगम की बिना अनुमति के चल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अनाज मंडी की घटना में एक फैक्ट्री जिसमें मजदूर रहते भी थे, वहां पर शार्ट सर्किट के चलते आग लग गई थी। जान बचाने के लिए लोग भागे तो आग के धुंए में दम घुट गया। जिसमें 43 की जान चली गई थी और 59 लोगों को बचाया गया था। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए संपत्ति मालिक रेहान, उसके भाई इमरान और फुरकान और मोहम्मद सुहेल को गिरफ्तार कर लिया था।
लटकते हुए तार दे रहे हादसों को दावत
अनाज मंडी में दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है। अवैध रूप से यहां पर औद्योगिक इकाइयां तो चल रही है बल्कि इन लोगों ने आग से बचने के भी इंतजाम नहीं कर रखे हैं। ऐसे में कोई भी घटना में जान जाने के सिवाय और कोई उपाय नहीं होगा। रिहायशी इलाके में भारी भरकम तार लटके हुए हैं। इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए यहां पर व्यावसायिक मीटर लगाने की मंजूरी भी दी गई है।