नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नरेला में प्रस्तावित दिल्ली के चौथे जेल परिसर के हाई सिक्योरिटी जेल में कैदियों की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी। यहां फेस रिकग्निशन तकनीक की मदद से कैदियों की पूरी दिनचर्या जेल अधिकारी एक क्लिक से पता कर सकेंगे।

वहीं, सेल की दीवारों पर लगे वाइस सेंसर से अधिकारी कैदियों की आवाज भी जरूरत पड़ने पर सुन सकेंगे। जेल की बैरकों का लाकिंग सिस्टम पूरी तरह स्वचालित होगा। प्रत्येक वार्ड में नियंत्रण कक्ष होगा, जहां से जेलकर्मी कैदियों की पूरी गतिविधि पर नजर रख सकेंगे।

ये नियंत्रण कक्ष मुख्य नियंत्रण कक्ष के साथ तिहाड़ स्थित जेल मुख्यालय से संबद्ध रहेंगे। इस जेल की दीवारों की ऊंचाई करीब 30 फीट होगी। तीन स्तरीय दीवारों से जेल परिसर घिरा होगा। इनके बीच की दूरी इतनी होगी कि बाहर से फेंकी गई कोई भी वस्तु सीधे जेल परिसर के भीतर नहीं गिर पाएगी। अधिकारियों के मुताबिक अप्रैल महीने में नरेला जेल परिसर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

ढाई हजार कैदियों को यहां रखा जा सकेगा

करीब 40 एकड़ में बनने वाले नरेला परिसर की जेलों में करीब ढाई हजार कैदियों को रखे जाने की जगह होगी। कुल चार जेलों में एक जेल हाई सिक्योरिटी जेल होगा, जहां दुर्दांत अपराधियों को रखा जाएगा। इस जेल में करीब 300 कैदियों को जगह मिलेगी।

हाई सिक्योरिटी के अलावा अन्य तीन जेलों में करीब 2200 कैदी रखे जाएंगे। सभी जेलों में बहुमंजिला बैरकों का निर्माण होगा। जिन कैदियों का मामला रोहिणी व तीस हजारी कोर्ट में चल रहा है, उन्हें नरेला की जेल में रखा जाएगा। इससे कोर्ट जाने के लिए कैदियों को लंबी दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी।

यह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों में सोचने समझने व निर्णय लेने की क्षमता है। जिस तरह से इंसान अपने दिमाग की मदद से निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, इसी तरह मशीनें भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से निर्णय लेने में सक्षम होती हैं। जेल के मामले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तीसरी आंख और वाइस सेंसर से मिले आंकड़े की विवेचना करने में सक्षम होंगे। संदिग्ध गतिविधियों के बारे में रियल टाइम सूचना अधिकारियों तक पहुंचेगी। इससे जेल का निगरानी तंत्र मजबूत होगा।

दुर्दांत कैदियों को रखने के लिए जेल में होगी व्यवस्था

तिहाड़ जेल की बैरकों की बढ़ेगी ऊंचाई, होगा विस्तार जेल प्रशासन तिहाड़ जेल की सभी बैरकों को दो मंजिला बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। इससे जेल में कैदियों को रखने की क्षमता भी बढ़ेगी और जेलकर्मियों को कैदियों पर नजर रखने में भी काफी सहूलियत होगी। बैरकों में भीड़ के कारण जिन समस्याओं से कैदियों को दो-चार होना पड़ता है, उससे भी उन्हें निजात मिलेगी।

दो मंजिला बैरकों के निर्माण का कार्य चरणबद्ध तरीके से होगा। जेल प्रशासन के मुताबिक पहले चरण में जेल संख्या एक, दो व तीन में निर्माण होगा। यहां की बैरकों को एक बार के बजाय बारी-बारी से बनाया जाएगा, ताकि कैदियों को जगह देने में प्रशासन के सामने एकाएक समस्या न आए।

प्रथम चरण में बैरक के निर्माण के पूरा होने पर जेल प्रशासन के पास पहले के मुकाबले दो गुना अधिक जगह होगी, तो अगले निर्माण के दौरान कैदियों को रखने में दिक्कत नहीं होगी। जेल संख्या एक दो व तीन में निर्माण कार्य शुरू किए जाने के पीछे की वजह केवल यह है कि ये तीनों जेल पुराने जेलों में हैं और सभी एक दूसरे से जुड़ी हैं। इन तीनों में निर्माण के बाद अन्य जेलों में भी निर्माण शुरू होगा।

Edited By: Abhishek Tiwari