नगर निगम के नोटिस से सहम उठे दिल्ली कई के बाजारों के दुकानदार, व्यापारियों ने किया धरना-प्रदर्शन
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा दुकानों की सीलिंग के लिए भेजे जा रहे नोटिस से व्यापारियों में चिंताएं बढ़ गई है। नोटिस मिलने के बाद कारोबारियों में खासा आक्रोश का माहौल दिख रहा है जिसमें के लिए वह धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सदर बाजार व कमला नगर समेत दिल्ली के 10 से अधिक बाजारों में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा भेजे जा रहे दुकानों की सीलिंग के नोटिस से व्यापारियों में चिंता के साथ आक्रोश का माहौल है। पिछले वर्ष दिसंबर में हुए एमसीडी चुनाव के बाद से शुरू हुई नोटिस भेजने की यह प्रक्रिया अभी तक जारी है। सबसे पहले सदर बाजार में सीलिंग की कार्रवाई हुई थी। इसके विरोध में वहां के व्यापारियों का धरना-प्रदर्शन जारी है, लेकिन अभी तक मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इसी तरह करोलबाग, चांदनी चौक व ग्रेटर कैलाश जैसे बाजारों में भी एमसीडी के नोटिस भेजे जा रहे हैं। प्रमुख व्यापारी नेता इन नोटिस को जहां गलत बता रहे हैं, वहीं अब तक पार्किंग चार्ज व कन्वर्जन चार्ज पर वसूले गए करोड़ों रुपये का हिसाब भी मांग रहे हैं।
कमला नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन गुप्ता ने कहा कि मास्टर प्लान के अनुसार वसूले गए कन्वर्जन चार्ज का इस्तेमाल स्थानीय बाजारों के विकास तथा पार्किंग शुल्क का इस्तेमाल पार्किंग के निर्माण में होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसी तरह चांदनी चौक के व्यापारियों का कहना है कि पुरानी दिल्ली को मास्टर प्लान में कन्वर्जन शुल्क से राहत मिली हुई है। फिर भी एमसीडी द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं।
सदर बाजार के व्यापारियों ने फूंका नगर निगम का पुतला
पुल मिठाई पर सीलिंग के खिलाफ बृहस्पतिवार को सदर बाजार के व्यापारियों का 22वें दिन धरना प्रदर्शन जारी रहा। इसके साथ ही फेस्टा के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा, अध्यक्ष राकेश यादव व कार्यवाहक अध्यक्ष चौधरी योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में व्यापारियों ने एमसीडी का पुतला फूंका तथा नारेबाजी की।
इस अवसर पर पम्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि एमसीडी भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। आए दिन व्यापारियों को नोटिस देकर या सीलिंग कर उनका आर्थिक रूप से शोषण किया जा रहा है। राकेश यादव ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि व्यापारी 22 दिन से भटक रहे हैं लेकिन इनकी सुधि लेने वाला कोई भी नहीं है।
रोजगार और अर्थव्यवस्था में योगदान, मिले राहत
राजेंद्र फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दिल्ली में नौ लाख से अधिक व्यापारी है। लाखों कारोबारी प्रतिष्ठान हैं। इनका रोजगार और अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। दिल्ली के व्यापारी प्रति वर्ष करोड़ों रुपये का राजस्व देते हैं, ऐसे में सरकार को इनके पक्ष में सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। व्यापारियों को परेशान न करें।
बाजारों के लिए आए एमनेस्टी प्लान
खंडेलवाल कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दिल्ली के बाजारों को सीलिंग से राहत देने के लिए सरकार से एमनेस्टी प्लान की मांग की है। उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने अवैध कालोनियों को नियमित करने की योजना लाई गई, उसी तरह एक तय तिथि तक के लिए एमनेस्टी प्लान लाना चाहिए, ताकि दुकानों को भी सीलिंग से मुक्ति मिल सकें।
इसके साथ ही उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि कई बाजारों की दुकानों को लेकर नगर निगम की ओर से गैरकानूनी तरीके से सीलिंग के नोटिस भेजे जा रहे हैं। जबकि नियम यह है कि पहले दुकानदारों को शोकाज नोटिस भेजना चाहिए।
वहीं, दिल्ली-6 के बाजारों को मास्टर प्लान के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र विशेष प्रविधान कानून में राहत मिली हुई है। निगम को व्यापािरयों का ध्यान रखना चाहिए।
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