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मीर विहार में लोग नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर, जलभराव होने से अपने ही घरों में कैदी बने बुजुर्ग

जलभराव यहां के लोगों के लिए किसी सजा से कम नहीं है। लोग बिना किसी अपराध के ही सजा काट रहे हैं। जलभराव भी एक-दो सप्ताह से नहीं बल्कि पांच महीने से घरों गलियों दुकानों और कालोनी के लोगों को जलभराव ने घर में कैदी बना दिया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 01:50 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 01:50 PM (IST)
मीर विहार में लोग नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर, जलभराव होने से अपने ही घरों में कैदी बने बुजुर्ग
जलभराव यहां के लोगों के लिए किसी सजा से कम नहीं है।

नई दिल्ली [सोनू राणा]। दिल्ली को देश का दिल कहा जाता है। हरियाणा, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के लोगों का सपना है कि उनका भी दिल्ली में घर हो और वह भी दिल्ली में आकर रहें। दिल्ली उन लोगों को यहां आशियाना बनाने व रहने का मौका भी देती है, लेकिन यहां पर आकर उनके साथ कुछ ऐसी घटना घटित होती है कि वह नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं। वह किसी भी तरह वापस अपने राज्य जाने की दुआ करते हैं। ऐसा ही एक इलाका है मदनपुर डबास गांव के पास स्थित मीर विहार।

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जलभराव यहां के लोगों के लिए किसी सजा से कम नहीं है। लोग बिना किसी अपराध के ही सजा काट रहे हैं। जलभराव भी एक-दो सप्ताह से नहीं बल्कि पांच महीने से घरों, गलियों, दुकानों और कालोनी के चारों ओर भरे पानी ने बच्चों व बुजुर्गों को अपने ही घर में कैदी बना दिया है। बीमार होने के बाद वह किसी तरह अस्पताल में जाना चाहते हैं, लेकिन गलियों से तीन से चार फिट तक पानी भरा होने की वजह से वह अस्पताल नहीं जा पाते हैं और काल का ग्रास बन जाते हैं।

मीर विहार के ई ब्लाक के बब्लू की मानें तो बुधवार को उनके पिता मुन्ना खान की मौत जलभराव से हो गई। चार महीने से ज्यादा समय से गलियों में पानी भरा होने की वजह से वह घर से नहीं निकल पा रहे थे। इस वजह से वह बीमार पड़े व उनकी मौत हो गई। लोगों का कहना है कि वे जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक शिकायत कर चुके हैं। लेकिन वह रटा रटाया जवाब देते हैं कि यह उनका काम नहीं है या उनके पास पानी निकालने के लिए पंप नहीं है।

घरों के चारों तरफ भरा है पानी: कालोनी में ई ब्लाक की गलियों में काफी घर ऐसे हैं जिनके चारों ओर महीनों से पानी भरा हुआ है। लोग परेशान होकर अपने घर को छोड़कर रिश्तेदारों के घरों पर रहने को मजबूर हैं। कहीं पर दो फिट तो कहीं पर चार फिट तक पानी भरा हुआ है। कब्रिस्तान में लोगों को दफनाने में भी परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि कब्रिस्तान में एक फिट खोदने पर ही पानी निकल आता है।

  • किडनी की बीमारी की वजह से मैं डायलिसिस पर हूं। मुङो सप्ताह में तीन बार अस्पताल जाना होता है। अस्पताल जाना तो दूर जलभराव की वजह से मैं घर से भी नहीं निकल पा रही हूं। कौसर
  • जलभराव की वजह से मेरे पिता की मौत हो गई। जनाजे को कंधा भी नहीं दे सके। पास के ही एक घर में एक बुजुर्ग महिला की भी तबीयत खराब है। यहां से पानी निकाला गया तो हो सकता है वह बच जाएं। बब्लू
  • अभी भी लगभग हर गली में बच्चे व बुजुर्ग घरों में कैद हैं। कई महीनों से घरों में रहने की वजह से कुछ बुजुर्गों की तबीयत तो इतनी खराब हो गई है कि उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया है। जब्बार अली
  • करीब पांच महीने से पानी भरा हुआ है। 3-4 लोगों की जलभराव या पानी में तैरकर आए सांप के काटने से मौत हो चुकी है। मच्छरों की तादाद भी बहुत है। मोहम्मद आलम
  • इलाके में ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। इसकी वजह से जलभराव हो रखा है। फिलहाल प्रदूषण के चलते पानी निकालने के पंप, जेनरेटर आदि यंत्र चलाने पर भी रोक है। पानी निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। धर्मपाल लाकड़ा, विधायक, मुंडका विधानसभा क्षेत्र

पाताल लोक की तरह लगता है मीर विहार

मीर विहार में सड़कें इतनी ऊंची बन गई हैं कि लोगों के घर चार से पांच फिट तक नीचे चले हो गए हैं। कई घरों में तो ऐसे हालात हैं कि लोग छत के रास्ते घर में प्रवेश करते हैं। काफी दुकानों में सड़क के ऊपर सिर्फ दो से तीन फिट ऊंचे शटर दिखते हैं। बाहर से देखने पर पाताल लोक की तरह नजर आता है।

सांप के काटने से भी हो चुकी है मौत

स्थानीय लोगों की माने तो लंबे समय से जलभराव होने की वजह से सांप, बिच्छू जैसे जहरीले जानवर घरों में घुस जाते हैं। आइ ब्लाक के अर्जन की तो जलभराव से गुजरते समय सांप के काटने से मौत हो गई थी। इसके अलावा कई बार सांप उनके घरों तक में घुस चुके हैं। कई बार इलाके के लोग अपनी जान बचाने के लिए सांपों को मार चुके हैं।


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