Move to Jagran APP

मनी लांड्रिंगः बढ़ सकती है केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किल, ED ने की पूछताछ

दिल्ली स्थित दफ्तर में सत्येंद्र जैन सहित कुछ और लोगों से भी पूछताछ की गई।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 03:57 PM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 08:21 AM (IST)
मनी लांड्रिंगः बढ़ सकती है केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किल, ED ने की पूछताछ
मनी लांड्रिंगः बढ़ सकती है केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किल, ED ने की पूछताछ

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की मनी लॉन्‍ड्रिंग मामले में मुश्किलें बढ़ गई हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) द्वारा प्राथमिक दर्ज किए जाने के बाद मंगलवार को दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ की। 

loksabha election banner

दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री पद पर रहते हुए 2015-2016 के बीच प्रयास इंफो सॉल्यूशंस, अकिनचंद डेवेलॉपर एंड मंगलयतन प्रोजेक्टस के माध्यम से 4.63 करोड़ रुपये का धन शोधन किया। समाचार एजेंसी के मुताबिक,ईडी दफ्तर में पूछताछ के बाद मंत्री सत्येंद्र जैन अपने दफ्तर चले गए।

 

बताया जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी ने सत्‍येंद्र जैन से मंगलवार को पूछताछ की है। जानकारी मिली है कि दिल्ली स्थित दफ्तर में सत्येंद्र जैन सहित कुछ और लोगों से भी पूछताछ की गई।

कंपनियों पर बदलता रहता है नियंत्रण

इंडो मेटलइम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2010-11 और 2011-12 में हवाला ऑपरेटरों से क्रमश: 6.42 करोड़ रुपये और 0.72 करोड़ रुपये मिले। आरोप है कि सत्येंद्र जैन 2011 में इस कंपनी में निदेशक थे, जबकि उनकी पत्नी के पास इसकी 67 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इसी तरह अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2010-11 में 1.83 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2011-12 में 1.01 करोड़ रुपये मिले इस दौरान सत्येन्द्र जैन 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इस कंपनी में मुख्य प्रबंधन व्यक्ति थे। उन्होंने 31 जुलाई 2013 को इस कंपनी से त्यागपत्र दिया। इसके बाद इस कंपनी को 2015-16 में 2.02 करोड़ रुपये मिले।  

सत्येंद्र जैन के निर्देश पर लेन-देन

हवाला एंट्री ऑपरेटर राजेन्द्र बंसल ने आयकर विभाग को बताया था कि वह 2003-04 में सत्येंद्र जैन से मिला था। उसने जीवेन्द्र मिश्रा और अभिषेक चोखानी के साथ मिलकर जैन की कंपनियों को पैसा भेजा। बंसल ने यह भी बताया कि सभी लेन-देन जैन के ही निर्देशों पर हुए। उनके ऑफिस के कर्मचारियों से कैश लेकर धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से जैन की कंपनियों को दी गई थी।

जैन की कपंनियों को कब-कब मिला पैसा

कंपनी वित्त                 वर्ष राशि

इंडो मेटालइम्पेक्स           2010-11 6.42
अकिंचन डवलपर्स            2010-11 1.83
इंडो मेटालइम्पेक्स           2011-12 0.72
प्रयास इन्फोसोल्युशंस      2011-12 1.80
अकिंचन डवलपर्स            2011-12 1.01
मंगलायतन प्रोजेक्ट         2015-16 1.90
प्रयास इन्फोसोल्युशंस      2015-16 0.69
अकिंचन डेवलपर्स          2015-16 2.02
कुल राशि                      16.39
(धनराशि करोड़ रुपये में)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.