Move to Jagran APP

Delhi Metro News: कबाड़ से लैब तैयार कर डीएमआरसी ने बचाए 12 करोड़ रुपये

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने एक अनूठी पहल करते हुए यमुना बैंक डिपो में कबाड़ से एक खास तरह का इलेक्ट्रानिक लैब तैयार किया है। जिसमें मेट्रो में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रानिक व मैकेनिकल उपकरणों ठीक कर दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाता है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:11 AM (IST)
Delhi Metro News: कबाड़ से लैब तैयार कर डीएमआरसी ने बचाए 12 करोड़ रुपये
Delhi Metro News: कबाड़ से लैब तैयार कर डीएमआरसी ने बचाए 12 करोड़ रुपये

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने एक अनूठी पहल करते हुए यमुना बैंक डिपो में कबाड़ से एक खास तरह का इलेक्ट्रानिक लैब तैयार किया है। जिसमें मेट्रो में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रानिक व मैकेनिकल उपकरणों ठीक कर दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाता है। डीएमआरसी का दावा है कि कबाड़ से विकसित इस लैब में मेट्रो के उपकरणों को ठीक कर अब तक करीब 12 करोड़ रुपये की बचत की गई है। मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क 392 किलोमीटर है। दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क में करीब 330 ट्रेनें हैं। मेट्रो का नेटवर्क बढ़ने के साथ ही कबाड़ भी बढ़ रहा है।

loksabha election banner

डीएमआरसी के अनुसार सामान्य तौर पर मेट्रो के उपकरणों के खराब होने के बाद उसे कबाड़ के रूप में बेच दिया जाता है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यमुना डिपो के तकनीकी कर्मचारियों ने विशेष पहल करते हुए मेट्रो के खराब हो चुके दरवाजे, एंगल, बोल्ट, सीसीटीवी कैमरों के कैबिनेट, तार व केबल की मदद से इलेक्ट्रानिक लैब के लिए कई उपकरण तैयार किए। जिसमें कई सिमुलेटर, कैबिनेट, स्टूल, टेस्ट बेंच इत्यादि शामिल है। इसके मदद से इस लैब में डिस्प्ले बोर्ड की स्क्रीन, मेट्रो के दरवाजों के कंट्रोल यूनिट, फायर डिटेक्शन कंट्रोल यूनिट सिस्टम, ट्रेन नियंत्रण प्रबंधन सिस्टम से जुड़े इलेक्ट्रानिक कार्ड को मरम्मत किया जाता है। इसके बाद यह जांच भी की जाती है कि इलेक्ट्रानिक कार्ड ठीक से काम कर रहा है या नहीं।

तिदिन आठ से दस इलेक्ट्रानिक कार्ड किए जा रहे ठीक

इस लैब में 10 कर्मचारी तैनात हैं, जो इलेक्ट्रानिक कार्ड को ठीक करने का काम करते हैं। इस लैब में प्रतिदिन आठ से 10 इलेक्ट्रानिक कार्ड ठीक किया जाता है। इसके बाद दोबारा मेट्रो में इस्तेमाल किया जाता है। लैब में मरम्मत किए गए उपकरणों का रिकार्ड भी रखा जाता है। इसके लिए एक बार मरम्मत किए गए उपकरण पर एक डाट, दोबारा मरम्मत हो चुके कार्ड पर दो डाट और तीन बार मरम्मत हो चुके कार्ड पर तीन डाट के निशान लगा दिए जाते हैं। तीन बार से अधिक उपकरण खराब होने पर उसे इस्तेमाल के लायक नहीं माना जाता। इसलिए अधिकतम तीन बार ही उपकरण मरम्मत किए जा सकते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.