Delhi Metro: देश के विभाजन का दंश देखना है तो राजीव चौक मेट्रो स्टेशन आएं, दस्तावेज और तस्वीरें सब मिलेंगी देखने को
Delhi Metro विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की परिकल्पना उन लाखों लोगों की पीड़ा कष्ट और दर्द को दिखाने के लिए की गई है जिन्होने विभाजन की पीड़ा देखी झेली थी। भारतीय उपमहाद्वीप में पिछली सदी में हुए सबसे बड़ी मानव त्रासदी जो विस्थापन के रूप में सामने आई थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो ने राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर 'विभाजन भयावह स्मरण दिवस' पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। मेट्रो के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने बुधवार को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस प्रदर्शनी में विभाजन का दंश दिखाते हुए दस्तावेज, अखबारों के आलेख, कार्टून तस्वीरें इत्यादि प्रदर्शित की गई हैं।
विकास कुमार ने बताया कि विभाजन भयावह स्मरण दिवस (Partition Horrors Remembrance Day)'की परिकल्पना उन लाखों लोगों की पीड़ा, कष्ट और दर्द को दिखाने के लिए की गई है जिन्होने विभाजन की पीड़ा देखी, झेली थी। भारतीय उपमहाद्वीप में पिछली सदी में हुए सबसे बड़ी मानव त्रासदी जो विस्थापन के रूप में सामने आई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को अपने प्राण गंवाने पड़े थे।
विभाजन से प्रभावित लोगों की पीड़ा दिखाने के लिए भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र ने संयुक्त रूप से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इस प्रदर्शनी को https://amritmahotsav.nic.in/partition-horror-remembrance-day.htm पर जाकर डिजिटल रूप में भी देखा जा सकता है।
यह प्रदर्शनी 10 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। इसी तरह की एक प्रदर्शनी कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर भी लगाई गई है। देश के 75 वे स्वतंत्रता वर्ष को लेकर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
नीतियों और रेलवे में निजीकरण के विरोध में कर्मचारी यूनियन आंदोलन
सरकार की नीतियों और रेलवे में निजीकरण के विरोध में कर्मचारी यूनियन आंदोलन कर रही है। मंगलवार को नार्दन रेलवे मेंस यूनियन (एनआरएमयू) के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के स्टेशनों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि रेलवे में काफी संख्या में पद खाली हैं, जिससे कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ रहा है।
आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार की नीतियों से कर्मचारियों में रोष है। एआइआरएफ की कार्यसमिति की मुंबई में 16 जून को बैठक हुई थी, जिसमें देशभर के रेलवे स्टेशनों व अन्य रेलवे परिसरों में प्रदर्शन का फैसला किया गया था। फेडरेशन के आह्नान पर इससे संबद्ध कर्मचारी यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
केंद्र सरकार के मुद्रीकरण अभियान के तहत रेलवे स्टेशन, रेलवे स्टेडियम, रेलवे कालोनी, 90 यात्री ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी है। डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर और कोंकण रेलवे के ट्रैक को भी निजी कंपनियों को सौंपने की योजना बनाई जा रही है। सरकार का यह कदम कर्मचारियों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि रेलवे देश में रोजगार देने वाली संस्था है। इसमें निजीकरण व ठेकेदारी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है।
खाली पदों को भरने के लिए कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी नहीं लाई जा रही है। कर्मचारियों ने नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार, सराय रोहिल्ला, तुगलकाबाद सहित अन्य रेलवे स्टेशनों व कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया।