Delhi Mayor Election: 10 फरवरी को हो सकती है सदन की तीसरी बैठक, मेयर चुनाव के लिए निगम ने LG को भेजा प्रस्ताव
Delhi Mayor Election लगातार दो बैठकों से चल रहे दिल्ली के महापौर चुनाव को लेकर तीसरी बैठक 10 फरवरी को हो सकती है। फिर से बैठक कराने के लिए दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली सरकार को फाइल भेज दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लगातार दो बैठकों से चल रहे दिल्ली के महापौर चुनाव को लेकर तीसरी बैठक 10 फरवरी को हो सकती है। फिर से बैठक कराने के लिए दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली सरकार को फाइल भेज दी है। निगम की ओर से दिल्ली सरकार को भेजी गई फाइल में 10 फरवरी की तारीख का प्रस्ताव किया गया है।
इस पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया निर्णय लेकर इसे उपराज्यपाल को भेज देंगे। जिसमें उपराज्यपाल जो भी तारीख निर्धारित करेंगे, उसी दिन महापौर का चुनाव होगा। वहीं, इसी बीच तीन फरवरी को इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप, AAP) की महापौर प्रत्याशी शैली ओबराय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पहले से निर्धारित है।
तीन फरवरी से पहले तारीख पर हो जाएगा फैसला
दिल्ली नगर निगम के कानून के जानकारों की माने तो संभवत: तीन फरवरी से पहले महापौर चुनाव कराने की तारीख पर अंतिम निर्णय हो जाएगा। इससे पहले भी छह जनवरी और 24 जनवरी को भी महापौर चुनाव के लिए बैठक बुलाई गई थी। छह जनवरी को हुई बैठक में तो केवल पीठासीन अधिकारी की शपथ हो पाई थी।
सदन में हंगामा को लेकर कार्यवाही करनी पड़ी स्थगित
पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा द्वारा मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ कराने के मामले में आप पार्षदों ने विरोध किया था। विरोध इतना बढ़ गया था कि की सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी थी। साथ ही पार्षदों का शपथग्रहण भी नहीं हो पाया था।
दूसरी बार भी बैठक हुई स्थगित
इसके बाद 24 जनवरी को उपराज्यपाल वीके सक्सेना पार्षदों की शपथ कराने से लेकर 24 जनवरी को बैठक बुलाई गई थी। इसमें मनोनीत सदस्यों की शपथ के बाद निर्वाचित पार्षदों की शपथ ग्रहण का कार्यक्रम पूरा हो गया था, लेकिन जैसे ही महापौर चुनाव की तैयारी हुई तो सदन में हंगामा होने लग गया। भाजपा के पार्षद आप नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
एक-दूसरे पर लगाए आरोपी
वहीं, कुछ भाजपा पार्षदों ने आप पार्षदों पर भाजपा सांसद गौतम गंभीर के लिए अपशब्द कहने और एक पार्षद के साथ धक्का मुक्की के साथ बहस करनी शुरू की तो हंगामे के चलते पीठासीन अधिकारी ने बैठक को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया।
इस पर आप ने भाजपा पर महापौर चुनाव से भागने का आरोप लगाते हुए सदन में भी धरना दिया था। इसके बाद आप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसमें मनोनीत सदस्यों के मनोनय के साथ ही महापौर चुनाव कराने को लेकर याचिका दायर कर रखी है।
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सत्या शर्मा ही रहेंगी पीठासीन अधिकारी
दिल्ली नगर निगम के सदन की दोनों बैठकों की अध्यक्षता पूर्व महापौर और भाजपा पार्षद सत्या शर्मा ने की है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था। ऐसे में तीसरी बैठक की अध्यक्षता भी सत्या शर्मा ही कर सकती है। उपराज्यपाल उन्हें ही पीठासीन अधिकारी फिर से नियुक्त कर सकते हैं।
दिल्ली नगर निगम की पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा, "मैं तो दोनों बैठकों में चुनाव कराने के लिए कार्य कर रही थी। पहली बैठक में हंगामा किया गया। पार्षद मेरे आसन के समक्ष आ गए थे। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दूसरी बैठक में भी शपथ के बाद मैंने महापौर चुनाव की तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन पार्षदों ने हंगामा किया था। आगे जब भी चुनाव होगा में महापौर चुनाव कराउंगी। मेरी सभी दलों से अपील है कि शांति पूर्वक ढंग से चुनाव की प्रक्रिया को कराने दें।"