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Delhi Land Scam: जो जमीन किसी को ट्रांसफर ही नहीं की सकती, उसे अधिकारियों ने मिलीभगत करके विभिन्न फर्मों को दे दिया गया

फाउंडेशन को 13 बीघा से अधिक जमीन दे दी गई। यह सब जमीन पहले उस कर्मू की है जो आजादी के समय पाकिस्तान चला गया था। एसडीएम रहे देवेंद्र शर्मा ने जून 2015 में एक कंपनी को आदेश जारी कर सरकारी जमीन दे दी थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 01:33 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 01:33 PM (IST)
Delhi Land Scam: जो जमीन किसी को ट्रांसफर ही नहीं की सकती, उसे अधिकारियों ने मिलीभगत करके विभिन्न फर्मों को दे दिया गया
एसडीएम देवेंद्र शर्मा ने जून 2015 में एक अन्य कंपनी के नाम कर दी थी सरकारी जमीन

नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। उत्तरी दिल्ली के झंगोला गांव में जिस 339 बीघा शत्रु संपत्ति (आजादी के समय देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए लोगों की जमीन) को किसी को ट्रांसफर ही नहीं किया जा सकता है, उसे लोगों को ही नहीं, विभिन्न फर्मों को भी दे दिया गया था। जबकि दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम-1954 ही कहता है कि भूमिदारी (वह जमीन जिसे कई वर्षो भूमिहीन लोग जोतते आ रहे हैं, उसे उनके नाम किया जा सकता है) के तहत कोई भी जमीन किसी फर्म को नहीं दी जा सकती है। यानी पैसा कमाने के चक्कर में अधिकारियों ने दोहरा अपराध किया है। मामले में चार एसडीएम निलंबित हो चुके हैं और एक एसडीएम को निलंबित करने के लिए उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फाइल भेजी है।

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वर्ष 2015 से लेकर 2021 तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कागजों में पैसों का कोई लेनदेन भले नहीं हुआ है, लेकिन जानकारों का कहना है कि अधिकारियों ने इसमें मोटी कमाई की है। इस पूरे मामले में एसडीएम रहे दानिक्स अधिकारी अजीत सिंह ठाकुर का ग्राफ सबसे ऊपर है। इन्होंने तो लोगों के साथ कंपनियों के नाम भी यह भूमि ट्रांसफर की है।


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