नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम के तहत कालकाजी मंदिर को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई। याचिका पर केंद्र सरकार का पक्ष सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर आठ सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया। केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुई स्टैंडिंग काउंसल मोनिका अरोड़ा ने अदालत को बताया कि अधिनियम की धारा-3 और चार के तहत इस तरह का निर्णय संबंधित प्राधिकरण द्वारा लेना है।

मामले में आठ सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश

इस पर पीठ ने केंद्र सरकार को मामले में आठ सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। याचिकाकर्ता आशीष भारद्वाज ने कहा है कि जिस तरह से कुतुबमीनार, ताजमहल समेत अन्य को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया गया है और इसका रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेेक्षण द्वारा किया जाता है, वैसे ही प्राचीन कालकाजी मंदिर को भी ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाए। 

वही, चीनी खुफिया अधिकारियों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में गुप्त और गोपनीय दस्तावेजों की आपूर्ति में शामिल होने के आरोपित नेपाली नागरिक शेर सिंह उर्फ राज बोहरा को जमानत देने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपित को जमानत देने का कोई आधार नहीं है। ऐसे में जमानत अर्जी खारिज की जाती है।

Edited By: Pradeep Kumar Chauhan