Delhi: हत्या के केस में मांगी थी एक लाख रुपये की रिश्वत, GTB एन्क्लेव थाने का इंस्पेक्टर गिरफ्तार; निलंबित
जीटीबी एन्क्लेव थाने में तैनात इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन शिव चरण मीणा के खिलाफ केस दर्ज कर सीबीआई ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने हत्या के मामले के एक मुल्जिम से एक लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन को हिरासत में लिया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शाहदरा जिले के जीटीबी एन्क्लेव थाने में तैनात इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन शिव चरण मीणा के खिलाफ केस दर्ज कर सीबीआई ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। गत बृहस्पतिवार को सीबीआई ने हत्या के मामले के एक मुल्जिम से एक लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में जीटीबी एन्क्लेव थाने में छापा मार वहां तैनात इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन शिव चरण मीणा समेत एएसआई त्रिलोक चंद डबास व दिल्ली होम गार्ड के जवान ऋषि को हिरासत में लिया था।
पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर पर दर्ज किया गया केस
पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन शिव चरण मीणा के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। हिरासत में लिए गए बाकी दो अन्य एएसआई त्रिलोक चंद डबास व दिल्ली होम गार्ड के जवान ऋषि को छोड़ दिया गया। शनिवार को सीबीआई ने शिव चरण मीणा को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए दो दिन की रिमांड पर लिया है। सीबीआई की टीम ने इंस्पेक्टर को साथ लेकर दोबारा थाने पहुंचकर उनके कमरे व अन्य जगहों पर कई घंटे तलाशी ली।
इंस्पेक्टर मीणा को विभाग ने किया निलंबित
उधर सीबीआई की कार्रवाई को देखते हुए पुलिस विभाग ने इंस्पेक्टर मीणा को निलंबित कर दिया। ज्ञात रहे सीबीआई ने जिस रवींद्र नाम के व्यक्ति की शिकायत पर इंस्पेक्टर के खिलाफ खिलाफ कार्रवाई की है, वह हत्या के मामले का मुल्जिम है। पिछले वर्ष 15 जून को जीटीबी एन्क्लेव इलाके में उसने जनता फ्लैट में रहने वाले प्रापर्टी डीलर पवन की उसके घर के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। उक्त मामले में जांच अधिकारी इंस्पेक्टर शिव चरण मीणा ही था।
उसके खिलाफ जीटीबी एन्क्लेव थाने में हत्या, आर्म्स एक्ट व आपराधिक साजिश रचने आदि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। वह फिलहाल कुछ माह से जमानत पर बाहर है। आरोप है कि कुछ समय से इंस्पेक्टर मीणा उससे एक लाख रुपये की मांग कर रहा था अन्यथा उसकी जमानत रद्द करा देनी की धमकी दे रहा था। इंस्पेक्टर एएसआइ व हाेम गार्ड के जरिए उसपर पैसे के लिए दबाव बना रहा था।
बृहस्पतिवार को सीबीआई के निर्देश पर रवींद्र ने थाने जाकर पुलिसकर्मियों को कुछ पैसे दे दिए। उसी के बाद सीबीआई ने छापेमारी की लेकिन वहां से रकम बरामदगी नहीं हुई। पैसे बरामद न होने पर सीबीआई को कोर्ट में केस को प्रूफ करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।