Move to Jagran APP

दिल्ली हाईकोर्ट ने अफ्रीकी हाथी को 17 साल से एकांत में कैद रखने के मामले में मांगा जवाब, पढ़िए क्या है पूरा मामला?

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार राष्ट्रीय प्राणी उद्यान और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार पशु कल्याण बोर्ड और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से भी नौ मार्च तक जवाब मांगा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 12:25 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 12:25 PM (IST)
दिल्ली हाईकोर्ट ने अफ्रीकी हाथी को 17 साल से एकांत में कैद रखने के मामले में मांगा जवाब, पढ़िए क्या है पूरा मामला?
हाई कोर्ट ने याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब, हाथी को 17 साल से एकांत में कैद रखने का आरोप

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अफ्रीकी हाथी को 17 साल से एकांत में कैद में रखने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यूथ फार एनिमल संस्था की संस्थापक 16 वर्षीय छात्रा निकिता धवन ने याचिका दायर कर हाथी को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की है।

loksabha election banner

याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार, राष्ट्रीय प्राणी उद्यान और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार, पशु कल्याण बोर्ड और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से भी नौ मार्च तक जवाब मांगा है।

अधिवक्ता इश्मा रंधावा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि जिम्बाब्वे सरकार ने 1998 में भारत को शंकर व बोम्बई नामक अफ्रीकी हाथी उपहार में दिए थे। अस्थिर वातावरण के कारण एक का निधन वर्ष 2005 में हो गया था। इसके बाद से शंकर नामक हाथी को दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में अकेले बंदी बनाकर रखा गया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि शंकर को लगभग 17 घंटे तक जंजीरों से बांधा जाता है।

शंकर के बाड़े से 100 मीटर की दूरी के भीतर कई रेलवे ट्रैक हैं और इससे होने वाले शोर से उसे अशांति होती है। याचिकाकर्ता ने शंकर को एक वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई है, जहां पर कई अफ्रीकी हाथी रहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.