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दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन पर हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों से मांगा जवाब

दिल्ली में प्रत्येक वर्ष मानसून के दौरान मलेरिया व डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप चरम पर होता है।

By Amit Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 05:03 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 05:03 PM (IST)
दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन पर हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों से मांगा जवाब
दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन पर हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों से मांगा जवाब

नई दिल्ली (जेएनएन)। मानसून के दौरान राजधानी दिल्ली में महामारी का रूप लेने वाले डेंगू को लेकर हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों से जवाब मांगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों से उनके ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर रिपोर्ट मांगी है।

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हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों को एक सप्ताह में मलेरिया और डेंगू संबंधी स्टेटस रिपोर्ट जमा करने को कहा है। साथ ही मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए उनका एक्शन प्लान मांगा है। हाईकोर्ट ने बुधवार को मलेरिया व डेंगू की रोकथान संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है।

दिल्ली के कोने-कोने में वायरस फैलाने वाले मच्छरों का हो चुका है कब्जा

मालूम हो कि दिल्ली में प्रत्येक वर्ष मानसून के दौरान मलेरिया व डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप चरम पर होता है। प्रत्येक वर्ष डेंगू से कई लोगों की मौत हो जाती है। दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि अस्पताल की लॉबी और बरामदों तक में अतिरिक्त बेड लगाने पड़ते हैं। हाल में दिल्ली की तीन नगर निगमों द्वारा मानसून से पहले किए गए सर्वे में पता चला था कि वायरस फैलाने वाले मच्छरों ने दिल्ली के कोने-कोने पर कब्जा कर रखा है। सर्वे में निगमों को पहले से कहीं ज्यादा जगहों पर मच्छरों के लार्वा मिले हैं। ऐसे में इस बार डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का भारी प्रकोप झेलना पड़ सकता है।

सियासी घमासान से अनियंत्रित हो रहे हालात

राजधानी में पार्टियों की सियासी लड़ाई के चलते भी दिल्ली वालों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। सफाई व्यवस्था बदहाल होने से इस बार मच्छरों के लार्वा में इजाफा देखने को मिला है। इस साल अब तक 33622 जगहों पर मच्छरों के लार्वा मिले हैं, जो पिछले सालों के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं। 2017 में सिर्फ 31000, 2016 में 21000 और 2015 में 29800 जगहों पर मच्छरों के लार्वा मिले थे। मगर दिल्ली वालों के लिए खतरा सिर्फ मच्छरों के प्रकोप से नहीं, नगर निगमों और राज्य की सरकार में बैठी अलग-अलग पार्टियों के झगड़े से भी है।

39 हजार जगहों पर मच्छरों का लार्वा फैलने का खतरा

एजेंसियों को दिल्ली में 39 हजार जगहें ऐसे भी मिलीं जहां जमा हुए पानी की वजह से कभी भी जानलेवा मच्छरों का लार्वा पनप सकता था। डॉक्टर भी मानते हैं कि इस बार लोगों को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है। दिल्ली में हर साल मच्छरों की फैलाई हुई बीमारियों से सैकड़ों मौतें होती हैं। पहले कदम न उठाने वाली सरकारी एजेंसियां बाद में मौत के आंकड़े छुपाने में लग जाती हैं। ऐसे में दिल्ली वालों की जारूकता ही हथियार है मच्छरों के लार्वा के खिलाफ भी और पार्टियों की गंदी राजनीति के खिलाफ भी।


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