कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ को झटका, डूसू अध्यक्ष रॉकी का नामांकन रद
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने कहा कि 6 सितंबर 2017 को लगाई गई याचिका पर रॉकी तुसीद की दलील और जवाब से वह संतुष्ट नहीं हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की जानकारी छिपाकर चुनाव लड़ने के मामले में हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष (डूसू) रॉकी तुसीद का नामांकन रद कर दिया है। इसके साथ ही रॉकी तुसीद की सदस्यता रद हो गई। अब चनाव में दूसरे नंबर पर रहे एबीवीपी के रजत चौधरी के अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया है।
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने कहा कि 6 सितंबर 2017 को लगाई गई याचिका पर रॉकी तुसीद की दलील और जवाब से वह संतुष्ट नहीं हैं। लिहाजा पीठ रॉकी को छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य करार देती है। एबीवीपी के रजत चौधरी ने डीयू प्रशासन को बताया था कि एनएसयूआइ उम्मीदवार रॉकी तुसीद ने अफसरों से अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की बात छिपाई है। इस पर डीयू प्रशासन ने रॉकी का नामांकन रद कर दिया था।
डूसू प्रशासन के फैसले के खिलाफ रॉकी हाई कोर्ट गए तो उस समय हाई कोर्ट ने रॉकी को डूसू चुनाव में हिस्सा लेने के लिए हरी झंडी दे दी थी। रॉकी ने चुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन इस मामले में सुनवाई के दौरान सामने आए कई तथ्यों को परखने के बाद शुक्रवार को हाई कोर्ट ने फैसला दिया और रॉकी की अपील खारिज कर दी।
डूसू अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने वाले एबीवीपी के छात्रनेता रजत चौधरी ने सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी थी कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, चुनाव के लिए नामांकन भरने वाले छात्र का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए, लेकिन 2014 में रॉकी के खिलाफ राजौरी गार्डन थाने में हत्या का प्रयास, जबरन घर में घुसना, मारपीट करना आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
मामले में रॉकी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस आरोप-पत्र भी दाखिल कर चुकी है। रॉकी ने जान-बूझकर यह बात छिपाई। आठ और 12 सितंबर के अंतरिम आदेश में भी रॉकी ने अदालत को गुमराह किया था। इसके आधार पर हाई कोर्ट ने उन्हें डूसू अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की अनुमति देने का अंतरिम आदेश दिया था।